राज्य के माइंस विभाग की विभागीय बकाया और ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना का लाभ अब संबंधित स्टेकहोल्डर्स को 31 दिसंबर, 23 तक मिल सकेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि इस योजना का लाभ 31 मार्च, 2022 तक के बकायादार खनन पट्टाधारियों, क्वारी लाइसेंस धारकों एवं रॉयल्टी ठेकेदारों को भी मिलेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2023-24 के बजट में माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना की अवधि बढ़ाने और 31 मार्च, 22 तक के बकायादारों को योजना के दायरें में लाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि योजना में 31 मार्च, 23 को रिटर्न भरने वाले डिफाल्टर्स को भी पेनल्टी माफी का लाभ मिल सकेगा।
एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि योजना में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के अब 31 मार्च, 2022 तक के प्रकरणों पर लागू कर दी गई है। इस योजना से राज्य सरकार के वर्षों से बकाया राजस्व की वसूली में तेजी आई है। साथ ही इससे वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावष्यक समय व धन की बचत और वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग होने लगा है। योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत व कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है। जिन बकायादारों द्वारा पूर्व में ही मूल राशि जमा करा दी गई है और केवल ब्याज राषि बकाया है उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनि अभियंता व सहायक खनि अभियंता द्वारा स्वतः माफ की जा सकेगी।
निदेशक माइन्स संदेश नायक ने बताया कि विभाग की एमनेस्टी योजना के परिणाम उत्साहजनक मिल रहे हैं और इसका दायरा बढ़ने से और अधिक लोग लाभान्वित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अब तक जारी इस तरह की एमनेस्टी योजनाओं में से 1636 प्रकरणों में सबसे अधिक 82 करोड़ 65 लाख रु. की वसूली इस योजना में किया जा चुकी है। इस योजना के दायरें में 3381 प्रकरण आ रहे हैं।
विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना में अब तक की समीक्षा करते हुए नायक ने बताया कि सर्वाधिक वसूली अतिरिक्त निदेशक जोधपुर महेश माथुर एसएमई धर्मेन्द्र लोहार के क्षेत्र में 41 करोड़ 47 लाख रु. की हुई है। इसमें एमई सोजत धीरज पंवार द्वारा 25 करोड़ से अधिक और एमई जोधपुर श्याम कापड़ी द्वारा 6 करोड़ 67 लाख रु. की गई है। इसी तरह से उदयपुर अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर की टीम ने 16 करोड़ की वसूली की है। इसमें एसएमई कमलेश्वर बारेगामा और एमई राजसमंद प्रथम लक्ष्मीनारायण के क्षेत्र के विचाराधीन प्रकरणों में अच्छी वसूली रही है। इसी तरह से अतिरिक्त निदेशक जयपुर बीएस सोढ़ा की टीम द्वारा 14 करोड़ से अधिक की वसूली की गई है जिसमें एसएमई प्रताप मीणा और एमई अलवर राजेन्द्र सिंह द्वारा उल्लेखनीय वसूली प्रयास किए गए है। मुख्यालय स्तर पर वित्तीय सलाहकार गिरिश कच्छारा, अतिरिक्त निदेशक ओम प्रकाश जैन और एओ मयंक व्यास द्वारा समन्वय बनाया जा रहा है।
डीएमजी नायक ने बताया कि योजना प्रावधानों के अनुसार योजना अवधि में निर्धारित राशि जमा कराने पर ही योजना का लाभ मिल सकेगा। योजना की क्रियान्विति की पाक्षिक आधार पर समीक्षा की जा रही है और संबंधित खनि अभियंता, सहायक खनि अभियंता निर्धारित प्रपत्र में वित्तीय सलाहकार गिरिश कच्छारा को प्रगति रिपोर्ट प्रेषित कर रहे हैं। इस योजना में बकायाधार योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित राशि योजना अवधि में जमा कराकर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.