खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच पनपे राजनयिक विवाद के बीच दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों अजीत डोभाल और जोडी थॉमस ने टेलिफोनिक वार्ता की. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने को बताया कि डोभाल ने थॉमस के समक्ष खालिस्तानी अलगाववादियों, चरमपंथियों और आतंकवादियों को कनाडा में सुरक्षित पनाह मिलने का मुद्दा उठाया. उन्होंने अपनी कनाडाई समकक्ष से कनाडा में शरण लिए आतंकवादियों के बारे में बताया. अजीत डोभाल ने जोडी थॉमस को भारत के मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची दी, जिन्होंने कनाडा में शरण ली हुई है.
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने वांछित अपराधियों की जानकारी और लोकेशन भी जोडी थॉमस के साथ शेयर किए. कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों को दोहराया. NSA डोभाल ने जोडी से कनाडा के बेतुके आरोपों के पक्ष में सबूत मांगे, लेकिन कनाडाई एनएसए सबूत नहीं उपलब्ध करवा सकीं. अजीत डोभाल ने जोडी थॉमस से कहा कि अगर कनाडा अपने आरोपों के पक्ष में सबूत और इनपुट मुहैया कराता है, तो भारत जांच करने को तैयार है.
एक दिन पहले पता चला था कि कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने पिछले महीने 2 बार भारत का दौरा किया था. दावा है कि दोनों ही बार उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी और खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मुद्दा उठाया था. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार इस साल अगस्त में और जी20 समिट के दौरान भारत आई थीं. दोनों ही बार उन्होंने अजीत डोभाल के साथ मीटिंग की थी.
रिपोर्ट के मुताबिक जोडी थॉमस ने अजीत डोभाल के साथ बैठक के दौरान हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की कथित संलिप्तता का मुद्दा उठाते हुए जांच में सहयोग की मांग की थी. तब भारतीय एनएसए ने उनसे अपने दावों के पक्ष में सबूत मुहैया कराने की मांग की थी, लेकिन कनाडा अब तक कोई ठोस सबूत नहीं दे पाया है. खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के ‘सरे’ में एक गुरुद्वारे के बाहर 2 हथियारबंद हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
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