राजस्थान के धौलपुर जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने जिले के बाड़ी कोतवाली पुलिस थाना में दर्ज हुए बारह साल की मासूम से जबरन छेड़छाड़ के मामले में एक मुल्जिम को दोषी करार दिया है। अदालत ने उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।
विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि धौलपुर जिले के बाड़ी कोतवाली पुलिस थाना में एक परिवादी ने नौ अप्रैल 2021 को FIR दर्ज कराई थी। FIR में उसने बताया था कि उसकी बारह साल की नाबालिग बेटी आठ अप्रैल 2021 की शाम को ट्यूशन पढ़ कर घर आ गई थी। उसके बाद उसकी बेटी घर में चारपाई पर बैठ कर खाना खा रही थी। उसी समय घर पर आरोपी बबलू आ गया और बेटी को पांच सौ रुपये का लालच देकर गलत काम करने की कहने लगा। लेकिन बेटी उसकी बातों में न आकर बाहर चली गई।
FIR के मुताबिक, इसी दौरान आरोपी बबलू ने उसकी बेटी से जूते मंगवाए तो आरोपी उसे पकड़ कर घर के अंदर ले गया और कुंडी लगा दी। आरोपी बबलू जब नाबालिग के साथ गंदी हरकतें करने लगा तो वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। पीड़िता के शोर के डर के मारे आरोपी बबलू मौके से भाग गया। शाम को परिजनों के आने के बाद पीड़िता ने घटना के बारे में जानकारी दी।
पुलिस ने परिवादी द्वारा दी गई तहरीर पर आरोपी बबलू के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच के दौरान आरोपी बबलू को गिरफ्तार कर पॉक्सो न्यायालय में पेश किया। आरोपी बबलू वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है। मामले में लोक अभियोजक ने नौ गवाह पेश कर दस्तावेजों को साबित कराया।
मामले में न्यायाधीश जमीर हुसैन ने दोनों पक्षों की बहस और लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद मंगलवार को मुल्जिम बबलू पुत्र भीकम निवासी जगनेर को दोषी करार दे दिया। अदालत ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 7 और 8 में पांच वर्ष और आईपीसी की धारा 354 में तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही तीस हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
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