मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने सेवा ही कर्म-सेवा ही धर्म के ध्येय को अपनाते हुए हर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में कार्य किए हैं। औद्योगिक विकास के लिए संकल्पित राज्य सरकार की नीतियों और फैसलों से राजस्थान में इंवेस्टमेंट फ्रैंडली माहौल बना, जिससे अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश किया है। उन्होंने कहा कि इंवेस्ट राजस्थान में हुए लगभग 11 लाख करोड़ रुपए के एमओयू, एलओआई में से करीब 55 प्रतिशत धरातल पर आगे बढ़े हैं। यह राज्य के उज्ज्वल भविष्य के शुभ संकेत हैं।
गहलोत ने शनिवार को जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजित जैन इंटरनेशनल ट्रैड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) के जीतो कनेक्ट-2023 समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि कुशल वित्तीय प्रबंधन से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार एवं आधारभूत संरचना के विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान देश का मॉडल स्टेट बन गया है। इसी आधार पर 11.04 प्रतिशत जीडीपी विकास दर के साथ राजस्थान उत्तर भारत में प्रथम और देश में दूसरे स्थान पर रहा। यही हमारी सोच और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई पॉलिसी की रियायतों से 16000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं। पांच साल तक किसी भी सरकारी स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होने के प्रावधान से छोटी-छोटी इकाइयां बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि रिप्स के कस्टमाइज पैकेज की पूरे देश में चर्चा है।
गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य का अधिकार, गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट, राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी, अलग से कृषि बजट, लगभग 1 करोड़ प्रदेशवासियों को न्यूनतम 1000 रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित विभिन्न फैसलों से जनता का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। यह योजनाएं आगे भी जारी रहेंगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से देश में ‘राइट टू सोशल सिक्योरिटी एक्ट, पुनः ओपीएस, स्वास्थ्य का अधिकार जैसे फैसले एक समान लागू कराने का आग्रह किया।
गहलोत ने कहा कि हमारे प्रयासों का ही नतीजा रहा है कि 5 वर्षों में राज्य की जीडीपी 6 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। यह इस वित्तीय वर्ष तक 15 लाख करोड़ रुपए की हो जाएगी। वर्ष 2030 तक इसे 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि 5 साल में राजस्थान की प्रगति को 4 गुना गति मिली है। अब 10 गुना गति के लिए 2.50 करोड़ लोगों के सुझावों से तैयार विजन-2030 डॉक्यूमेंट जारी किया गया है। इसी के आधार पर विकास कार्य कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मजबूत आधारभूत संरचना से हैंडीक्राफ्ट, एग्रो, इंजीनियरिंग, गुड्स, जैम्स एंड ज्वैलरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान निर्यात कर रहा है। जयपुर और उदयपुर में एयरकार्गो की स्थापना से भी निर्यात बढ़ेगा। बाड़मेर में रिफाइनरी, पेट्रोकैमिकल्स कॉम्प्लैक्स की स्थापना और दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से हजारों इकाइयां स्थापित हो रही हैं। उपखंड स्तर पर रीको औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से रोजगार और एन्टरप्रिन्योरशिप को प्रोत्साहन मिला है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलना प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ईवी, सोलर, विंड, हाइब्रिड एनर्जी, एग्रो बिजनेस, टूरिज्म, इको टूरिज्म, रूरल टूरिज्म सहित विभिन्न नीतियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रुपए की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसमें 93 प्रतिशत राजस्थानियों का बीमा किया गया है, जबकि अन्य राज्यों में 30 प्रतिशत नागरिक ही वहां की योजना में बीमित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सदियों से सत्य और अहिंसा का महत्व रहा है। भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा और सेवाभाव के सिद्धांतों को अपनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई थी। उन्हीं प्रेरणादायक विचारों को आधार बनाकर ही राज्य सरकार ने प्रदेश का चहुमुंखी विकास कराया है।
गहलोत ने कहा कि जीतो द्वारा सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक के साथ औद्योगिक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इनकी 26 देशों में शाखाएं होने बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानी हमेशा से ही अपनी जड़ों से जुुड़े रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं में सहयोग के साथ अपने क्षेत्रों के विकास में अहम भूमिका निभाई है।
समारोह में राजस्व मंत्री रामलाल जाट, खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया, विधायक रोहित बोहरा, राजस्थान फाउंडेशन के चैयरमेन धीरज श्रीवास्तव ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर जीतो अपैक्स चेयरमैन सुखराज, जीतो जयपुर चैप्टर के चेयरपर्सन नितिन जैन, जीतो कनेक्ट-2023 कन्वीनर विमल सिंघवी सहित जीतो के सदस्य और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
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