शीर्ष खुफिया सूत्रों ने विश्लेषण किया है कि इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध, जिसने लगभग 48 घंटों में लगभग 500 लोगों की जान ले ली है, एक सुविचारित और समन्वित हमला है जिस पर लंबे समय से काम चल रहा था. उनका कहना है कि 7 अक्टूबर को ग़ज़ा पट्टी से हुए हमले में कई खिलाड़ी शामिल हैं. सूत्रों का कहना है, ‘इस मामले में कुछ बहुत ही संदिग्ध है, ऐसा कैसे हो सकता है कि इजराइल के सभी सैन्य बलों की सभी चेतावनी प्रणालियां काम नहीं करें.’
यह इजराइली खुफिया विभाग की ‘भारी विफलता’ पर ध्यान केंद्रित करता है जो जमीन, हवा और समुद्र से होने वाले अभूतपूर्व हमले को नहीं देख सका. दर्जनों फिलिस्तीनी बंदूकधारियों ने इजराइल और ग़ज़ा पट्टी के बीच भारी सुरक्षा वाली सीमा को पार कर लिया, जबकि ग़ज़ा से इजराइल में हजारों रॉकेट दागे गए. लुकआउट, राडार सिस्टम, कैमरे, चेतावनी तंत्र, कुछ भी काम नहीं आया? शिन बेट (इजराइली सुरक्षा एजेंसी), इजराइल रक्षा बल (IDF) और मोसाद, जो दुनिया भर से खुफिया जानकारी इकट्ठा करने पर पर्याप्त पैसा खर्च करते हैं, एक के बाद एक विफल रहे.
प्रारंभिक मूल्यांकन के अनुसार, हमास (गाजा पट्टी को नियंत्रित करने वाला उग्रवादी समूह), जिसने ग़ज़ा पट्टी में इजराइल की सीमा पर सभी तारों/बाड़ को काट दिया, घुसपैठ के लिए पानी और ग्लाइडर का इस्तेमाल किया, को संभवतः युद्ध के लिए हाल ही में अफ्रीका या यूरोप में अत्याधुनिक हथियारों के साथ प्रशिक्षित किया गया था. इजराइल पर एक परिष्कृत हमले को अंजाम देने के लिए सभी सुरक्षा उपकरण डिसेबल्ड कर दिए गए थे.
यहां जांच के लिए चीन की भूमिका संभवतः महत्वपूर्ण है. प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि सभी सुरक्षा चेतावनी प्रणालियों को अक्षम करने के लिए ‘चीनी ट्रोजन’ का उपयोग किया गया था. हाल ही में, कई साइबर हमलों से पता चलता है कि चीन बड़े पैमाने पर इजराइल विरोधी गठबंधन में शामिल हो गया है. इजराइल पर कल सुबह हमास ने अचानक जमीन, हवा, पानी से तीनतरफा हमला कर दिया.
इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध में देखने लायक एक और महत्वपूर्ण सवाल यह है कि बिना किसी खुफिया-मानव या संकेत के ग़ज़ा से इजराइल में 5,000 रॉकेट कैसे दागे गए. जबकि पुलिस को प्रतिक्रिया देने में घंटों लग गए और हमले के दो घंटे बाद तक हेलीकॉप्टर भी तैनात नहीं किए गए थे. इजराइल की आयरन डोम, जो हर मौसम में काम करने वाली वायु रक्षा प्रणाली है, उसने कैसे काम नहीं किया? जाहिर तौर पर, आयरन डोम को चीनी ट्रोजन द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था.
वर्ष 1973 के योम किप्पुर युद्ध की शुरुआत की 50वीं वर्षगांठ के बाद, इजराइली सेना को सीरिया और मिस्र के टैंकों द्वारा रोक दिया गया था. इस बार भी इजराइली सेना एक और हमले से हैरान नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि हमास के हमले में इजराइल के 300 नागरिकों की मौत हुई और 1000 से ज्यादा घायल हुए हैं. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइल के खिलाफ दोबारा इस तरह का दुस्साहस न हो, इसलिए यह युद्ध लंबा चलेगा. हम हमास के सभी ठिकानों को मलबे में तब्दील कर देंगे.
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