जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक बार फिर एनकाउंटर शुरू हो गया है. सुरक्षा बलों ने लश्कर के 2 आतंकियों को घेर रखा है. इनमें उजैर खान भी शामिल है, जो स्थानीय आतंकी है और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसकी जानकारी दी है. दोनों तरह से गोलीबारी हो रही है. आतंकियों को सुरक्षा बलों ने घने जंगलों में स्पॉट किया है. जम्मू-कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट किया, ‘कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनक और डीएसपी हुमायूं भट की अटूट वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि, जिन्होंने इस चल रहे ऑपरेशन के दौरान सामने से नेतृत्व करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. हमारी सेनाएं उजैर खान सहित लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकवादियों को घेरने में दृढ़ संकल्प के साथ जुटी हुई हैं.’
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के एक कर्नल और मेजर रैंक के अधिकारी शहीद हो गए. जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी रैंक का एक अधिकारी भी आतंकियों की फायरिंग में घायल होने के बाद शहीद हो गया. सुरक्षा बल आतंकवादियों की तलाश में थे, तभी उन्हें एक ठिकाने पर उनकी मौजूदगी की सूचना मिली. अधिकारियों ने कहा कि कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने बताया कि DSP भट की मौत अत्यधिक खून बह जाने के कारण हुई.
राष्ट्रीय राइफल्स के 19 यूनिट के कमांडिंग अफसर कर्नल मनप्रीत सिंह ने सामने से अपनी टीम का नेतृत्व किया और आतंकवादियों पर हमला किया. आतंकवादियों की गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई. कर्नल मनप्रीत सिंह की उम्र 41 साल थी. वह हरियाणा के पंचकुला के रहने वाले थे. मुठभेड़ में शहीद होने वाले मेजर आशीष ढोंचक हरियाणा के पानीपत के निवासी थे, जिनकी उम्र मजह 34 साल थी. इससे पहले राजौरी में हुए मुठभेड़ (12 सितंबर) में सेना के लैब्राडोर नस्ल की एक फीमेल डॉगी की मौत हो गई थी. डॉगी का नाम केंट था. उसने मुठभेड़ के दौरान अपने हैंडलर को बचाया और खुद शहीद हो गई. केंट आतंकियों की तलाश करने के लिए जवानों की एक यूनिट का नेतृत्व कर रही थी. इस दौरान उसे गोली लग गई. राजौरी एनकाउंटर के दौरान एक जवान की मौत हो गई थी और 2 आतंकी मारे गए थे.
सुरक्षा बलों ने उजैर खान को अनंतनाग के जंगलों में घेर रखा है. वह लश्कर का स्थानीय कमांडर है. उसके सिर पर 10 लाख का इनाम घोषित है. सेना ने उसे A+ का आतंकी घोषित कर रखा है. कल सुरक्षा बलों पर हुई फायरिंग के लिए उजैर खान ही जिम्मेदार है. वह पहले भी कई मुठभेड़ स्थलों से भाग चुका है, वह आतंक से जुड़े कई मामलों में शामिल है. वह ग्रेनेड हमले के मामले में भी शामिल रहा है, जिसमें सेना के 2 जवान घायल हो गए थे. उजैर खान जम्मू-कश्मीर में 2022 से सक्रिय है. कश्मीर में पिछले 3 साल में यह सबसे बड़ा हमला है, जिसमें इतने बड़े अफसरों की शहादत हुई है. इससे पहले हंदवाड़ा में 30 मार्च 2020 को 18 घंटे तक चली मुठभेड़ में कर्नल, मेजर और सब-इंस्पेक्टर समेत 5 अफसर शहीद हुए थे. इस साल जनवरी से अब तक जम्मू-कश्मीर में 40 आतंकी मारे गए हैं, इनमें 8 ही स्थानीय थे और बाकी सभी विदेशी थे.
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