मोदी सरकार ने गरीबों को बड़ा सौगात देते हुए उज्जवला योजना के तहत 2026 तक गरीब परिवारों को 75 लाख और मुफ्त कनेक्शन देने का फैसला किया है. अब सरकार ने इस फैसले की कीमत आंकी है, जो कि 1650 करोड़ रुपये है. सरकार द्वारा 29 अगस्त को एलपीजी रिफिल की कीमत में 200 रुपये की कटौती के साथ अतिरिक्त कनेक्शन की घोषणा की गई थी. वित्तीय स्वीकृति से योजना के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि योजना को जारी रखे बिना पात्र गरीब परिवारों को उनका उचित लाभ नहीं मिल पाएगा.
31 अगस्त तक 15 लाख उज्ज्वला कनेक्शन की मांग है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जनसंख्या वृद्धि, विवाह, प्रवासन और स्थानों की दूरदर्शिता जैसे असंख्य कारणों से कुछ पात्र परिवारों के पास अभी भी एलपीजी कनेक्शन नहीं है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राज्य संचालित ईंधन खुदरा विक्रेता शुरू में कनेक्शन और प्रारंभिक रिफिल की लागत का भुगतान करेंगे. जोड़े गए कनेक्शनों की वास्तविक संख्या के आधार पर सरकार उन्हें खर्च की भरपाई करेगी. एक 14.2 किलोग्राम सिलेंडर या दो 5 किलोग्राम रिफिल वाले प्रत्येक कनेक्शन की लागत 2,200 रुपये निर्धारित की गई है.
5 किलोग्राम रिफिल वाले कनेक्शन की कीमत 1,300 रुपये निर्धारित की गई है. योजना के प्रावधानों के अनुसार परिवारों को एक स्टोव और पहली रिफिल भी बिना शुल्क दिए दी जाएगी. उज्ज्वला पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख सामाजिक कल्याण योजनाओं में से एक है. इसे मई 2016 में गरीब घरों की महिलाओं को ‘चूल्हों’ से निकलने वाले धुएं के प्रभाव से बचाने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था. इस योजना ने देश में एलपीजी की पहुंच को 2016 में 62 फीसदी से बढ़ाकर 100 प्रतिशत के करीब पहुंचाने में मदद की. वर्तमान में औसत वार्षिक खपत प्रति उज्ज्वला परिवार में लगभग चार रिफिल है.
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