अरोड़ा शनिवार को वित्त विभाग एवं इलेट्स टेक्नोमीडिया की साझेदारी में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय राजस्व सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस सन्दर्भ में आधिकारिक विवेक और व्याख्या की सम्भावना होती है, उसमें भी हमारे प्रशासनिक आदेश, मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) व दिशा-निर्देश इस प्रकार की होने चाहिए कि सबके लिए एक ही प्रकार की व्याख्या विद्यमान हो सके। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में वर्तमान में आईएफएमएस तथा आईआरएमएस एक ही दिशा में कार्यरत हैं।
इस अवसर पर वित्त (राजस्व) विभाग के शासन सचिव डॉ. कृष्णा कांत पाठक ने पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में किये जाने वाले नवाचारों जैसे ऑटो डीड जेनरेशन सिस्टम, राजस्टैम्प, आधार बेस्ड प्रमाणीकरण, राजस्व संभावनाओं का मैप बेस्ड इंटीग्रेशन, मॉडल उप पंजीयक कार्यालयों की स्थापना, प्रॉपर्टी रजिस्टर मौका निरीक्षकों का नियोजन आदि बिन्दुओं पर जानकारी दी।
वहीं खान एवं भूविज्ञान विभाग के निदेशक संदेश नायक ने खनन विभाग में किये जा रहे ऑनलाईन इन्टीग्रेशन की चर्चा की, जिसमें उन्होंने जीआईएस मैपिंग की भावी और दूरगामी रणनीति पर भी प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने इससे अलग-अलग खनिजों की वास्तविक सम्भावना को खोजनें में सहायक होने के संबंध में जानकारी दी।
परिवहन विभाग के आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने परिवहन के क्षेत्र में वाहनों के पंजीयन, लाईसेन्सिंग, परमिट व राजस्व संग्रहण पर भी प्रस्तुतिकरण देते हुए चर्चा की। इसी प्रकार श्रीपाल यादव, जॉयदीप शोमे, जे.के. वर्मा, अवनीश शर्मा,पी. के नायक एवं निधि सिंह आदि ने भी अपने अपने क्षेत्र में राजस्व संबंधी नवाचारों, सम्भावनाओं व चुनौतियों पर चर्चा की तथा इस प्रकार के आयोजनों के निरन्तर किये जाने पर बल दिया।
इसी क्रम में हरियाणा के राजस्व विभाग से आमना तसनीम, पंजाब के राजस्व विभाग से विनय बंसल तथा मध्यप्रदेश के पंजीयन व मुद्रांक विभाग के स्वप्नेश शर्मा ने अपने-अपने राज्यों में किये गये नवाचारों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने परिवार पहचान पत्र और भूमि दस्तावेजों को इन्टीग्रेट करने, उनकी ई-रिपोजिट्री बनाने, तत्काल अपोइन्टमेन्ट की व्यवस्था लाने आदि बिन्दुओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने राजस्थान सरकार द्वारा प्रारम्भ किये गये नवाचारों की भी प्रशंसा की। साथ ही महाराष्ट्र के आबकारी विभाग के आयुक्त डॉ. विजय सूर्यवंशी,कर्नाटक के वाणिज्यिक कर विभाग की सुसी शिखा ने करापवचन को नियंत्रित करने के संबंध में किये गये नवाचारों की चर्चा की। इस दौरान उन्होंने ईवे बिल व अन्य माध्यमों से इसमें ट्रेकिंग पर बल दिया।
इस अवसर पर इलेट्स टेक्नोमीडिया के संस्थापक प्रकाशक और प्रधान संपादक डॉ. रवि गुप्ता ने कहा कि वित्त एवं राजस्व के बिन्दुओं को लेकर इस प्रकार का प्रथम सम्मेलन आयोजित किया गया है, जो भविष्य में अवसरों और चुनौतियों के समाधान में महत्वपूर्ण क़दम साबित होगा ।
उल्लेखनीय है कि वित्त विभाग एवं इलेट्स टेक्नोमीडिया की साझेदारी में दो दिवसीय राष्ट्रीय राजस्व सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमे विभिन्न क्षेत्रों एवं राज्यों के प्रशासनिक अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, अकादमिक संस्थान के प्रतिनिधि, उद्योगों के प्रतिनिधि, बैंकिंग संस्थान के प्रतिनिधि आदि सम्मिलित हुये। सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्यतः पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग, परिवहन विभाग, खनन विभाग द्वारा विभिन्न चुनोतियों एवं सम्भावनाओं पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया गया।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.