2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले महिला सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र की मोदी सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक (Women’s Reservation Bill) को मंजूरी दे दी है. महिला आरक्षण विधेयक को लेकर बड़ी खबर आ रही है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार आज ही नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश करेगी. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लोकसभा में इस बिल को पेश करेंगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बिल पिछले 27 साल से लटका हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन में अपने अंतिम भाषण में कहा कि दोनों सदनों में अब तक 7500 से अधिक जन प्रतिनिधियों ने काम किया है, जबकि महिला प्रतिनिधियों की संख्या करीब 600 ही रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं के योगदान ने सदन की गरिमा बढ़ाने में मदद की है.
इससे पहले सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों के कई नेताओं ने महिलाओं के लिए आरक्षण पर जोरदार वकालत की थी. मालूम हो कि महिला आरक्षण बिल साल 1996 से ही अधर में लटका हुआ है. उस समय एचडी देवगौड़ा सरकार ने 12 सितंबर 1996 को इस बिल को संसद में पेश किया था. लेकिन यह पारित नहीं हो सका था. यह बिल 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में पेश हुआ था.
इस बिल के लागू होते ही देश की संसद में और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू हो जाएगा. साथ ही इस बिल के मुताबिक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक-तिहाई सीटें एससी-एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. इन आरक्षित सीटों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग क्षेत्रों में रोटेशन प्रणाली से आवंटित किया जा सकता है.
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