भारत की खुफिया एजेंसियों ने खालिस्तान समर्थक संस्थाओं और कनाडा में उनके लिए बढ़ते राजनीतिक समर्थन पर चिंता जताई है. साथ ही देश में रहने वाले भारतीयों और अधिकारियों के खिलाफ ‘आक्रामक और तीव्र’ गतिविधियों के बारे में चेतावनी दी है. PKE पर ताजा इनपुट जारी करते हुए, एजेंसियों ने साझा किया कि खालिस्तानी समूह कनाडा में रहने वाले भारतीयों और वहां व्यवसाय चलाने वाले भारतीय उद्यमियों को निशाना बना सकते हैं.
एजेंसियों ने कहा कि आने वाले दिनों में PKE और भारतीयों के बीच झड़प की सूचना मिल सकती है. इनमें से अधिकांश संस्थाएं UAPA के तहत भारत में प्रतिबंधित हैं और उनके नेताओं को केंद्र सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया है. कनाडाई वाणिज्य दूतावास में भारतीय उच्चायोग के कार्यालय की सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं जताई गई हैं. क्योंकि एजेंसियों के संज्ञान में आया है कि खालिस्तानी समूह भारतीय अधिकारियों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर सकते हैं, जो हिंसक हो सकता है.
कनाडा में भारतीय राजनयिक प्रतिनिधित्व में ओटावा में उच्चायोग, जो प्रमुख मिशन और समग्र प्रभारी है, और टोरंटो और वैंकूवर में महावाणिज्य दूतावास शामिल हैं. शीर्ष सूत्रों ने एक इनपुट का हवाला देते हुए कहा कि पहले यह देखा गया था कि PKE कनाडा के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले भारतीयों को धमकी दे रहे थे और अब समूह उन लोगों को निशाना बना सकते थे जो रेस्टोरेंट, कैफे आदि चलाते हैं, जो अधिक असुरक्षित हैं. इसी तरह, कनाडा में रहने वाले छात्रों को भी विभिन्न शहरों में झड़पों का सामना करना पड़ सकता है.
पिछले छह महीनों में, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां PKE ने भारतीय मंदिरों और महात्मा गांधी की मूर्तियों पर हमला किया है. ऐसे भी उदाहरण हैं जहां कैफे मालिकों को खालिस्तान एजेंडे का समर्थन नहीं करने पर बंद करने के लिए कहा गया है. खालिस्तानी समूहों द्वारा मंदिरों को निशाना बनाया गया है और तोड़फोड़ की गई है. लेकिन स्थानीय पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) द्वारा जून 2023 में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका पर सवाल उठाने के बाद सोमवार को भारत और कनाडा के बीच तनाव और बढ़ गया. निज्जर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मार दी गई थी. ट्रूडो के बयान के साथ-साथ कनाडाई विदेश मंत्री के बयान को खारिज करते हुए, भारत के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा ‘कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत सरकार की भागीदारी के आरोप बेतुके और प्रेरित हैं. इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री पर लगाए थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था.’
ट्रूडो के आरोप लगाने के कुछ ही घंटों बाद कनाडा ने एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया. कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने मीडिया आउटलेट्स को बताया कि उनकी सरकार ने निज्जर की हत्या पर एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया है. भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए सोमवार को एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया.
इस बीच ट्रूडो ने एक अन्य बयान में कहा ‘भारत सरकार को इस मामले को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है. हम ऐसा कर रहे हैं, हम भड़काने या आगे बढ़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं.’
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