राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. यहां के बेंगू इलाके में भीड़ ने एक दलित बुजुर्ग की गलती का खुद ही न्याय करते हुए उसे अपने सिर पर जूते रखकर माफी मांगने के लिए मजबूर किया. भीड़ के आगे बेबस हुआ यह बुजुर्ग अपने सिर पर जूते रखकर लोगों के सामने गिड़गिड़ता रहा और लोग तमाशबीन बनकर मजे लेते रहे. भीड़ में मौजूद लोगों ने इस घटना का वीडियो बना लिया और बाद में उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया. अब यह वीडियो जबर्दस्त तरीके से वायरल हो रहा है.
वीडियो सामने आने के बाद दलित समाज में आक्रोश फैल गया. दलित समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. पीड़ित की रिपोर्ट पर करीब 20 लोगों के खिलाफ जूते सिर पर रखने के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया गया है. उसके बाद हरकत में आई पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के अनुसार यह वीडियो 16 सितंबर का बताया जा रहा है. बीते जून माह में खुटिया गांव में सालवी समाज का कार्यक्रम हुआ था. इस कार्यक्रम में 70 साल के बुजुर्ग ने भगवान देवनारायण की बगड़ावत करते समय देवी-देवताओं पर अशोभनीय टिप्पणी की थी. गीत गाते समय बुजुर्ग ने देवी-देवताओं पर अशोभनीय टिप्पणी की थी. कार्यक्रम के दौरान तो इस पर किसी का ध्यान नहीं गया. लेकिन कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर आने पर गुर्जर समाज में रोष फैल गया. उसके बाद लोगों ने दलित बुजुर्ग को फोन करके धमकाया.
उसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया. 16 सितंबर को दुगार गांव के देवरे पर गुर्जर समाज और ग्रामीणों की बैठक हुई. उसमें बुजुर्ग और उसके साथी को बुलाया गया. बुजुर्ग के साथी को इस गलती के लिए 1100 रुपये का दंड सुनाया गया. जबकि दलित बुजुर्ग को जूते सिर पर रखकर माफी मांगने के लिए कहा गया. इसके बाद समाज के कुछ लोगों के जूते बुजुर्ग के सिर पर रख दिए. बुजुर्ग ने जूते सिर पर रखकर माफी मांगी. मामले में पीड़ित बुजुर्ग कहना है कि उसने अपनी गलती के लिए माफी मांग ली थी, लेकिन इसके बावजूद उसे धमकियां मिल रही हैं.
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