स्पेशल सेशन के तीसरे दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर जारी बहस के दौरान बुधवार को जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का भाषण हो रहा था तो विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया और इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी से पूछा कि क्या महिलाओं की चिंता सिर्फ महिलाएं ही कर सकती हैं, पुरुष उनके लिए कुछ नहीं बोल सकते? आप किस प्रकार के समाज की रचना चाहते हैं?
महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन विधेयक नाम दिया गया है. इस पर सोनिया गांधी ने अपने भाषण के दौरान कुछ सवाल उठाए थे. इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत चर्चा के लिए खड़े हुए. तभी कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और अन्य सांसदों ने हंगामा किया. ऐसा देखकर गृहमंत्री अमित शाह अपनी सीट से खड़े हुए और उन्होंने अधीर रंजन पर कई सवाल दागे. विशेष सत्र के दौरान भाजपा की ओर से निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, दीया कुमारी अपने विचार रखेंगी. ऐसा संभव है कि पीएम नरेंद्र मोदी भी भाषण दे सकते हैं.
विपक्ष के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने जोर देकर कहा कि सरकार को एक महिला सांसद को बोलने के लिए नामांकित करना चाहिए था. इसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप किया और बीच में बोलने के लिए अधीर रंजन चौधरी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के भाषण पर अधीर रंजन को शायद “ईर्ष्या” हो रही होगी क्योंकि उन्हें पहले बोलने का मौका नहीं मिला.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं अधीर रंजन जी से पूछना चाहता हूं कि क्या केवल महिलाएं ही महिलाओं के लिए बोलेंगी, क्या पुरुष इसके लिए नहीं बोल सकते? आप कैसा समाज बनाना चाहते हैं?
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महिला कल्याण, महिला सरोकार… पर भाइयों को एक कदम आगे रहना चाहिए. यही इस देश की परंपरा है. हर किसी के पास महिलाओं के कल्याण के बारे में सोचने का अधिकार है. और जब हमारी तरफ से निशिकांत जी बोलने के लिए खड़े हुए है तो अधीर जी को क्या आपत्ति थी? शायद इसलिए कि उन्हें सबसे पहले बोलने का मौका नहीं मिला, उन्हें थोड़ी जलन हो रही है. विधेयक को पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में पारित करने के लिए पेश किया था.
यह विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया, जो नए संसद भवन में पहली बैठक थी. बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी, जिन्होंने विधेयक पर बहस की शुरुआत की, ने अपनी पार्टी का समर्थन बढ़ाया और इसे तत्काल लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि बिल को लागू करने में देरी देश की महिलाओं के साथ अन्याय है. सूत्रों ने कहा कि सरकार इस विधेयक को 21 सितंबर को राज्यसभा में चर्चा के लिए रखेगी.
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