वर्ष 2014 से देश में जिस प्रकार से फासिस्ट नीतियों पर आधारित शासनतंत्र कार्य कर रहा है जिससे प्रजातंत्र के मूल स्तम्भ "संविधान" तथा जिसके अर्न्तगत कार्य करने वाली संस्थाऐं, कार्यपालिका,न्यायपालिका एंव स्वतंत्र पत्रकारिता पर ही प्रहार किया जा रहा है सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को धीरे-धीरे निजि हाथों में सौंपा जा रहा है संस्थागत वित्तीय संस्थाओं की जर्जर आर्थिक स्थिति हो गई है। देश की अधिकांश पूंजी केवल सत्ता पक्ष के हितेषी मुट्ठी भर पुंजीपतियों के पास सिमट के रह गई है। महगाई बेरोजगारी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है।ऐसा लगने लगा है कि कानून व्यवस्था केवल एक पक्ष के कहने पर कार्य कर रही है। आये दिन सामप्रदायिक दंगें, दलितों पर अत्याचार इत्यादि, चुनाव में मतदाताओं का भावनात्मक ध्रुवीकरण करने तथा सरकार की प्रत्येक क्षेत्र में विफलता को छुपानें के लिए सुनियोजित तरीके से करवाये जा रहे हैं। देश के किसानों को उनकी उपज की जाईज कीमत से भी वंचित किया जा रहा है।
उपरोक्त परिस्थितियों के चलते आभास होने लगा है कि देश का वर्तमान शासन बाई दी मोदी ,फोर दी हिन्दुत्व, आफ दी बीजेपी के लिए चल रहा है।ऐसे हालात में प्रत्येक देश प्रेमी का यह कर्तव्य बनता है,कि अपने-अपने स्तर पर आने वाले 2023 में राजस्थान विधानसभा तथा 2024 में लोकसभा चुनावों से पूर्व आमजन को जागरुक करें,कि अगर इस बार पुनः बीजेपी सत्तासीन हुई तो शायद यह अंतिम चुनाव हो अन्यथा देश अधिनायकवाद के शिकंजे में जकड़ जाऐगा।
आल इण्डिया पीस मिशन, दलित मुस्लिम एकता मंच एंव प्रान्तीय राजस्थान मुस्लिम तैली महापंचायत पूरे देश में तथा वर्तमान में राजस्थान में सामप्रदायिक सौहर्द आपसी भाईचारा अमन चैन कायम करने के लिए प्रयत्नशील हैं। इसी सिलसिले में आज की यह प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई है ताकि मतदाताओं को सावचैत किया जा सके कि इस बार के चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। सोच-समझकर केवल धर्मनिरपेक्ष पार्टी के प्रत्याशियों के हित में ही अधिक से अधिक संख्या में मतदान करना है ताकि देश का वर्तमान प्रजातांत्रिक स्वरुप तथा बाबा साहेब द्वारा दिया हुआ संविधानिक स्वरुप कायम रह सके।
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