भारत और कनाडा के बीच संबंध पटरी से उतरती नजर आ रही है. दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंध पर अमेरिका भी नजर बनाए हुए है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने जहां कहा कि अमेरिका कनाडा के आरोपों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है. वहीं पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन (Michael Rubin) ने एंटनी ब्लिंकन पर पलटवार किया है.
दरअसल एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका ‘अंतरराष्ट्रीय दमन’ की घटनाओं के बारे में सतर्क रहता है. ब्लिंकन ने शुक्रवार को भारत से चल रही जांच में सहयोग करने का आग्रह किया, लेकिन इस विषय पर सीधे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. अमेरिकी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि ‘हम कथित अंतरराष्ट्रीय दमन के किसी भी उदाहरण के बारे में बेहद सतर्क हैं, जिसे हम बहुत गंभीरता से लेते हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए यह महत्वपूर्ण है कि कोई भी देश जो इस तरह के कृत्यों में शामिल ना हो.’
हालांकि पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ब्लिंकन के इस बयान से प्रभावित नहीं हैं. उन्होंने भारत पर लगाए गए आरोपों के लिए अब तक सबूत नहीं पेश करने के लिए कनाडाई सरकार की भी आलोचना की और कहा है कि ट्रूडो अंधेरे में गोली चला रहे हैं. बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने 18 सितंबर को भारत पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका थी.
जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और 19 सितंबर को भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया, जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया. मालूम हो कि निज्जर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा मोस्ट वाटेंड आतंकवादी घोषित था. माइकल रुबिन ने आगे कहा कि निज्जर के ‘हाथों पर खून लगा है’ और वह महज प्लंबर नहीं है जैसा कि कनाडा उसके होने का दावा कर रहा है.
रुबिन ने आगे कहा ‘हम खुद को मूर्ख न बनाएं, हरदीप सिंह निज्जर केवल एक प्लंबर नहीं था, जैसे ओसामा बिन लादेन केवल एक कंस्ट्रक्शन इंजीनियर नहीं था. कई हमलों का उसके हाथों पर खून लगा हुआ था. ट्रूडो ने बहुत बड़ी गलती की है. उन्होंने इस तरह से आरोप लगाए हैं कि वह इसका समर्थन तक नहीं कर पाएंगे. उनके पास अपने आरोपों को पुख्ता बनाने के लिए सबूत नहीं है.’ इसके साथ ही उन्होंने ट्रूडो से जवाब देने को कहा कि आखिर कनाडा आतंकवादियों को क्यों शरण दे रहा है.
रुबिन ने ईरानी कुद्स प्रमुख कासिम सुलेमानी और पूर्व अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन की हत्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि ‘इन तथ्यों के बाद क्या ब्लिंकन कह सकते हैं कि अमेरिका हमेशा अंतरराष्ट्रीय उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा रहा है. इसके बाद भी यदि ब्लिंकन यह बयान देते हैं तो हम वास्तव में पाखंडी हो रहे हैं.’
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दिल्ली विवि छात्र संघ चुनाव की गिनती जारी, सभी 4 पैनलों में ABVP आगे, NSUI दूसरे नंबर पर
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 2023 (DUSU) के लिए वोटों की गिनती जारी है. सभी चार पैनलों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के नतीजे शीघ्र ही घोषित किए जाएंगे. आठ राउंड की काउंटिंग पूरी हो चुकी है और सभी पदों पर ABVP उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. वहीं कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) दूसरे स्थान पर चल रही है.
एबीवीपी 32 कॉलेज यूनियन चुनावों में बहुमत हासिल करते हुए आगे है, जबकि एनएसयूआई 17 कॉलेज यूनियनों में आगे चल रही है. मतगणना सुबह 8 बजे से चालू है. चारों पदों के लिए कुल 24 उम्मीदवार मैदान में हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के केंद्रीय पैनल के चुनाव के दौरान 42 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. यह चुनाव एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में चिह्नित हुआ है. क्योंकि छात्रों ने लगभग 4 साल के अंतराल के बाद केंद्रीय पैनल के लिए अपना वोट डाला है.
ABVP ने अध्यक्ष पद के लिए तुषार डेढ़ा, उपाध्यक्ष पद पर सुशांत धनकड़, सचिव पद पर अपराजिता तथा संयुक्त सचिव पद पर सचिन बैंसला को मैदान में उतारा है. वहीं, एनएसयूआई (NSUI) के हितेश गुलिया अध्यक्ष, अभि दहिया उपाध्यक्ष पद, यक्ष्ना शर्मा सचिव पद और शुभम कुमार चौधरी संयुक्त सचिव पद के लिए मैदान में हैं.
एसएफआई (SFI) पैनल में अध्यक्ष पद के लिए आरिफ सिद्दीकी, उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी अंकित, सचिव पद की अदिति त्यागी, संयुक्त सचिव पद की उम्मीदवार निष्ठा सिंह मैदान में हैं. इसी तरह एआईएसए (AISA) की आयशा अहमद खान अध्यक्ष पद, अनुष्का चौधरी उपाध्यक्ष पद, सचिव पद पर आदित्य प्रताप सिंह और संयुक्त सचिव पद पर अंजलि कुमारी मैदान में हैं.
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