अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एक रिपब्लिकन यहूदी सम्मेलन में अपने भाषण में विवादास्पद ट्रैवल बैन को फिर से लागू करने का वादा किया. बता दें कि उनके राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ज्यादातर मुस्लिम देशों को निशाना बनाया गया था. ट्रंप ने रिपब्लिकन यहूदी गठबंधन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में यह बातें कही.
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार उन्होंने वहां उपस्थित दर्शकों से कहा ‘हम कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों को अपने देश से बाहर रखेंगे. आपको ट्रैवल बैन याद है? आने के बाद पहले ही दिन मैं ट्रैवल बैन बहाल कर दूंगा.’ मालूम हो कि साल 2017 में अपने राष्ट्रपति पद की शुरुआत में ट्रंप ने ईरान, लीबिया, सोमालिया, सीरिया, यमन और शुरुआत में इराक और सूडान से यात्रियों के प्रवेश पर व्यापक प्रतिबंध लगया था.
इस आदेश में को एक धार्मिक समूह के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताते हुए तुरंत अदालत में चुनौती दी गई थी. लेकिन ट्रंप के कट्टर एंटी इमिग्रेशन एजेंडे के साथ प्रतिबंध उनके समर्थकों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया था. वहीं व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा ‘राष्ट्रपति जो बाइडेन को ट्रंप द्वारा लागू किए गए घृणित, गैर-अमेरिकी मुस्लिम प्रतिबंध को पलटने पर गर्व था.’
पूर्व अमेरिकी नेता हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल के लिए अटूट समर्थन की प्रतिज्ञा करने के लिए प्रभावशाली यहूदी दानदाताओं की सभा में शामिल होने वाले कई रिपब्लिकन उम्मीदवारों में से एक थे. सम्मेलन में ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन पर निशाना साधा और अपने प्रतिद्वंद्वी की आलोचना करने से परहेज किया. उन्होंने कहा ‘इजरायल और हमास के बीच संघर्ष सभ्यता और बर्बरता के बीच, शालीनता और भ्रष्ट के बीच, और अच्छाई और बुराई के बीच की लड़ाई है.’
लास वेगस में ट्रंप निकटतम प्रतिद्वंद्वी, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस भी मौजूद थे. जिन्होंने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के आश्चर्यजनक हमले को ‘प्रलय के बाद से यहूदियों के खिलाफ सबसे घातक हमला’ करार दिया था. हमास के आतंकवादियों ने इजरायल में घुसकर और हमला कर के कम से कम 1,400 लोगों को मार डाला, जिनमें अधिकतर नागरिक थे.
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