मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट को लेकर उभरे मतभेद के बीच अब सपा अकेले ही चुनाव लड़ने की तैयारी में है. इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन की बातचीत स्पष्ट रूप से टूटने से 2024 में उत्तर प्रदेश में भारत गठबंधन की योजना पर असर पड़ सकता है, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सभी 80 सीटों पर भाजपा से लड़ सकती है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि सपा ने पहले ही मध्य प्रदेश में नौ उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और अंततः राज्य में 35-40 उम्मीदवार उतार सकती है.
अखिलेश यादव ने कहा, “कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या I.N.D.I.A गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है या राज्य स्तर पर है. यदि यह राज्य स्तर पर नहीं है तो भविष्य में अन्य राज्यों के स्तर पर भी नहीं होगा. मैं 2024 में यूपी के लिए सीट बंटवारे के सौदे की फर्जी मीडिया रिपोर्टें सुनता रहता हूं. मैं कहना चाहता हूं कि सपा पूरी जिम्मेदारी के साथ यूपी की सभी 80 सीटों पर भाजपा को हराने की रणनीति तैयार कर रही है.”
कांग्रेस के मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि I.N.D.I.A गठबंधन “केंद्रीय स्तर” पर है, लेकिन सपा के साथ बातचीत अभी भी जारी है और दोनों दलों को भाजपा को हराने का प्रयास करना चाहिए. हालांकि, अखिलेश यादव ने कहा कि दो दिन पहले रात एक बजे तक चले विचार-विमर्श के बाद बातचीत टूट गई थी. दूसरी ओर, यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा है कि अखिलेश यादव को मध्य प्रदेश में नहीं लड़ना चाहिए. क्योंकि कांग्रेस वहां मजबूत स्थिति में है और दोहराया कि उनकी पार्टी यूपी में सभी 80 सीटों पर लड़ने के लिए तैयार है.
कांग्रेस सूत्रों का यह भी कहना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में सपा ने मध्य प्रदेश में केवल एक सीट जीती थी और उसे अपनी मांगों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताना चाहिए. क्योंकि राज्य में उसकी अपील सीमित है. हालांकि, समाजवादी पार्टी को लगता है कि यूपी-एमपी सीमा के करीब एमपी की सीटों पर उसकी अच्छी संभावनाएं हैं और वह अपनी किस्मत आज़माना चाहती है.
उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण राज्य है. क्योंकि यह सबसे अधिक 80 सांसद चुनता है और भाजपा 2014 और 2019 दोनों आम चुनावों में राज्य में बड़ी जीत हासिल कर रही है. सपा और कांग्रेस I.N.D.I.A गठबंधन सहयोगी हैं और सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है. लेकिन जहां कांग्रेस उत्तर प्रदेश में इस तरह की बातचीत में एसपी के ‘बड़े भाई’ की भूमिका निभाने से नाखुश है, वहीं एसपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पर यही आरोप लगा रही है.
सपा छत्तीसगढ़ में भी अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है, जिससे कांग्रेस के साथ उसके रिश्ते और तनावपूर्ण हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश में, सपा कांग्रेस के लिए 2-3 से अधिक लोकसभा सीटें छोड़ने को तैयार नहीं है, लेकिन मौजूदा कलह उसे भी पटरी से उतार सकती है.
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