'भारत से सीखें', सऊदी प्रिंस की इजरायल और हमास को नसीहत, कहा- आप कोई हीरो नहीं...

गाजा में चल रहे युद्ध पर को लेकर सऊदी प्रिंस तुर्की अल फैसल अल सऊद ने हमास और इजरायल दोनों की आलोचना की है. पूर्व खुफिया प्रमुख और अमेरिका में सऊदी अरब के पूर्व राजदूत प्रिंस तुर्की अल फैसल ने कहा कि “इस संघर्ष में कोई नायक नहीं हैं, केवल पीड़ित हैं”. अमेरिकी विश्वविद्यालय में उनके भाषण में भारत का भी उल्लेख किया गया. उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन का जिक्र किया और बताया कि भारत ने अंग्रेजों का विरोध करने के लिए कैसे बिना हिंसा के संघर्ष किया था.

उन्‍होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का उदाहरण दिया. हालांकि उनके संबोधन का एक वायरल वीडियो यह कहते हुए शुरू होता है कि कब्जे वाले सभी लोगों को अपने कब्जे का विरोध करने का अधिकार है, यहां तक ​​कि सैन्य रूप से भी. सऊदी प्रिंस तुर्की अल फैसल ने कहा, “मैं फिलिस्तीन में सैन्य विकल्प का समर्थन नहीं करता. मैं दूसरा विकल्प पसंद करता हूं: नागरिक विद्रोह और अवज्ञा. इसने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य और पूर्वी यूरोप में सोवियत साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया था.”

सऊदी प्रिंस तुर्की अल फैसल ने कहा, इजरायल के पास जबरदस्त सैन्य श्रेष्ठता है और दुनिया गाजा में उसके द्वारा मचाई जा रही तबाही को देख सकती है. युद्ध की शुरुआत करने वाले 7 अक्टूबर के हमलों के लिए हमास पर निशाना साधते हुए फैसल ने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से हमास द्वारा किसी भी उम्र या लिंग के नागरिक लक्ष्यों को निशाना बनाने की निंदा करता हूं, जैसा कि उस पर आरोप लगाया गया है. इस तरह का लक्ष्य हमास के इस्लामी पहचान के दावों को झुठलाता है.” उन्होंने कहा कि निर्दोष बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की हत्या और पूजा स्थलों को अपवित्र करने के खिलाफ इस्लामी निषेधाज्ञा है.

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, इज़रायल के शहरों पर हमास के हमलों और फिर क्रूर जवाबी कार्रवाई में अब तक 5,800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. सऊदी प्रिंस ने हमास की आलोचना की, उन्‍होंने कहा कि उसके हमले के कारण इजरायली सरकार को हमला करने का नैतिक आधार मिल गया. उन्होंने कहा, “मैं इस भयानक सरकार को गाजा से उसके नागरिकों का जातीय सफाया करने और उन पर बमबारी करने का बहाना देने के लिए हमास की निंदा करता हूं.”

सऊदी प्रिंस ने फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने के सऊदी अरब के प्रयास को विफल करने के लिए हमास की भी आलोचना की. कई एक्‍सपर्ट्स ने कहा है कि इज़रायल-सऊदी अरब संबंधों का सामान्यीकरण, जो गाजा में युद्ध के कारण रुका हुआ था, एक महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि थी जिसके खिलाफ हमास ने अपने अभूतपूर्व हमले की योजना बनाई थी.

सऊदी राजकुमार ने गाजा और वेस्ट बैंक में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने वाले जवाबी हमले के लिए इज़रायल की आलोचना में कोई शब्द नहीं कहा. उन्होंने कहा, ”दो गलतियां एक सही नहीं बन जातीं.” इजरायल में हमास के हमले का वर्णन करने के लिए अमेरिकी मीडिया द्वारा ”अकारण हमले” के इस्तेमाल का विरोध करते हुए फैसल ने कहा, ”इजरायल ने जो किया है, उससे ज्यादा उकसावे की क्या जरूरत है?” फ़िलिस्तीनी लोगों को तीन-चौथाई शताब्दी तक?” फिलिस्तीन में इज़रायल की कथित ज्यादतियों और नागरिकों की हत्या पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “यह रक्तपात बंद होना चाहिए.”

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