छत्तीसगढ़ में भिलाई के आकाशगंगा काम्पलेक्स में, सौरभ चंद्राकर एक जाना पहचाना नाम है. किसी से भी पूछें और वे आपको इशारा से सूरज मोबाइल की दुकान दिखाएगा. यह एक ऐसी दुकान है जहां स्थानीय लोगों का कहना है कि चंद्राकर अक्सर इसके आस-पास घूमते रहते थे.
आकाशगंगा काम्पलेक्स के एंट्री गेट के पास एक पान की दुकान पर पुरुषों का एक समूह 2019 से महादेव ऐप के संस्थापक को जानने का दावा करता है. हालांकि उनमें से कोई भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और पुलिस के डर से रिकॉर्ड पर नहीं आना चाहता है. लेकिन आश्वासन मिलने के बाद वे खुलकर बात करते हैं कि उनके नाम उजागर नहीं किए जाएगे.
राकेश ने बताया, ‘उनके पिता नगर निगम में काम करते थे. आप परिवार की आर्थिक स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं. वह उतना ही औसत था जितना इस तरह की नौकरी करने वाले का परिवार हो सकता है. किसी ने भी, यहां तक कि उसने भी, अपने पास इस तरह का पैसा आने की कल्पना नहीं की होगी.’
नगर निगम की इमारत आकाशगंगा काम्पलेक्स के बिल्कुल कोने पर है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हिमालय बिल्डिंग में सट्टेबाजी में दिलचस्पी रखने वाले कई लोग आते थे. शुरुआती जांच के मुताबिक, चंद्राकर क्रिकेट प्रेमी था और सट्टेबाजी की दुनिया में उसका सफर यहीं से शुरू हुआ.
महेश की हिमालय कॉम्प्लेक्स में मोबाइल की दुकान है और वह चंद्राकर का दोस्त होने का दावा करता है. महेश ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया. ‘मेरी मोबाइल की दुकान पहले इसी सड़क के कोने पर हुआ करती थी. ठीक उसके बगल में जहां वह (चंद्राकर) बैठते थे. 8-9 महीनों तक हम रोजाना बातचीत करते रहे, जब तक कि लॉकडाउन नहीं हो गया. तब तक उसकी महादेव ऐप आईडी हॉट केक की तरह बिकने लगी.’
ईडी के अनुसार, जब कोविड-19 लॉकडाउन हुआ तो चंद्राकर की मुलाकात महादेव ऐप के को-प्रमोटर रवि उप्पल से हुई और दोनों ने मिलकर ऐप शुरू किया.
स्थानीय युवाओं को ‘चेकर्स’ के रूप में भर्ती किया गया था जो ‘सट्टेबाजी पैनल’ के साथ समन्वय करेंगे और उनके खातों की निगरानी करेंगे. इनमें से कुछ पैनल पंजाब, देहरादून और यहां तक कि विदेशों में नीदरलैंड, यूएई आदि देशों में स्थित थे. श्रीलंका, यूके और ऑस्ट्रेलिया से संबंधों की भी जांच की जा रही है.
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल द्वारा प्रवर्तित कंपनी ‘महादेव ऐप’ कथित तौर पर क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, पोकर और कार्ड गेम सहित विभिन्न लाइव गेम्स में कथित अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करती है. ये पिछले चार वर्षों से कार्यरत हैं. कंपनी के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के भिलाई से हैं और महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी एप्लिकेशन एक प्रमुख सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को सक्षम करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की व्यवस्था करता है.
कंपनी के प्रवर्तक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई से इसे संचालित कर रहे थे. वे नए उपयोगकर्ताओं का पंजीकरण करने के लिए ‘ऑनलाइन बुक बेटिंग एप्लिकेशन’ का इस्तेमाल करते थे, आईडी बनाते थे एवं बहु स्तरीय बेनामी बैंक खातों के नेटवर्क से मनी लॉन्ड्रिंग करते थे. चंद्राकर की कंपनी को कथित तौर पर घोटाले से लगभग 5,000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि ‘महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप’ के मालिकों के स्थानीय व्यापारियों और हवाला संचालन के अलावा पाकिस्तान में भी लिंक होने का संदेह है.
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.