जब फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया और 1,400 से ज्यादा लोगों को मार डाला, तो इजरायल ने भी तुरंत पलटवार किया. इजरायल-हमास जंग (Israel Hamas War) को शुरू हुए दो हफ्ते से अधिक समय हो गया है. इजरायल लगातार गाजा पर बमबारी कर रहा है और हवाई हमलों में लगभग 5,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.
युद्ध शुरू होने के बाद दुनिया दो हिस्सों में बंट गई थी. युद्ध पर अपने रुख को लेकर आलोचना के बाद चीन ने स्वीकार किया कि इजरायल को हमास के खिलाफ आत्मरक्षा का अधिकार है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी वॉशिंगटन की एक हाई-प्रोफाइल यात्रा की तैयारी कर रहे हैं.
चीन की सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, वांग यी ने सोमवार को एक टेलीफोन कॉल में अपने इजरायली समकक्ष एली कोहेन से कहा, ‘हर देश को आत्मरक्षा का अधिकार है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए और नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए.’
इस टिप्पणी से प्रतीत होता है कि बीजिंग ने स्वीकार किया है कि इजरायल को अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा आतंकवादी संगठन हमास के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते मिस्र और अन्य अरब देशों के साथ समन्वय करने की पेशकश करते हुए ‘फिलिस्तीनी मुद्दे के जल्द से जल्द व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी समाधान पर जोर देने’ की पेशकश करते हुए तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया था.
हालांकि चीन ने हमास की निंदा करने से परहेज किया है, जिसने 7 अक्टूबर को इजरायल पर शुरू हुए हमले में 1,400 लोगों को मार डाला, जिनमें से कई नागरिक थे. अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं ने बीजिंग की यात्रा पर इस मुद्दे पर शी का प्रतिरोध किया.
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