बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्रि खत्म होते ही विजयदशमी की धूम समां बांध देती है. आज शाम देश भर में दशहरा मनाया जाएगा और रावण दहन किया जाएगा.दिल्ली से सटे गाजियाबाद के घंटाघर रामलीला मैदान में जिले की सबसे पुरानी रामलीला होती है. सुल्लामल रामलीला द्वारा इस बार दशहरा को भव्य बनाने की तैयारी चल रही है. आज सुबह से ही कारीगर रावण को खड़ा करने की तैयारी कर रहे है. इसके साथ कुछ ही देर में पटाखे भरने का काम भी शुरू हो जाएगा. गाजियाबाद के अलग-अलग इलाकों में दुर्गा पूजा एवं विसर्जन का कार्यक्रम भी किया जाएगा.
सुल्लामल रामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरेंद्र ने बताया की हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दशहरा को भव्य बनाने की पूरी कोशिश की गई है. रावण को बनाने वाले कारीगर पुतले को खड़ा करने में लगे हुए है.दोपहर तक ये पुतले खड़े हो जाएंगे और शाम को मुहूर्त अनुसार रावण का दहन किया जाएगा. इस बार आतिशबाजी की दृश्टिकोण से रावण, मेघनाथ और कुंभकरण को मिलाकर करीब 25 हजार रुपये से भी ज्यादा के पटाखे लगे है. यह सभी पटाखे ग्रीन पटाखे है ताकि प्रदूषण ना फैले . इसके अलावा रावण के दहन के वक़्त भगदड़ का माहौल होता है इसलिए रामलीला कमेटी द्वारा वॉलिंटियर्स की तैनाती भी की जाएगी.
पिछले 16 वर्षो से गुलबाग खान रावण के पुतलो में पटाखे भरते आ रहें है. जब भी इन पुतलो में पटाखे भरने का काम किया जाता है तब इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि कोई भी ज्वलनशील पदार्थ लेकर आस-पास ना आए. गुलबाग बताते है की एक पुतले में कम से कम 2 हजार बम भर जाते है. इन सभी पटाखे को एक पट्टी के जरिए बांधा जाता है. यह पट्टी एक तार से कनेक्ट होती है, पटाखे की सुनिश्चित दूरी पर इन तारों को बिछाया जाता है. इसीलिए रावण दहन के वक्त एक के बाद एक पटाखे जलते चले जाते हैं और पुतला दहन हो जाता है.
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