इस बार मौसम में बार-बार बदलाव से सामान्य वायरल से ग्रसित मरीज भी लंबे समय तक ठीक नहीं हो पा रहे। जिस तरह लोग कोविड के बाद पोस्ट कोविड संक्रमण से जूझ रहे थे, ठीक उसी तरह सामान्य वायरल मरीज पोस्ट वायरल एलर्जी की चपेट में आ रहे हैं। पोस्ट वायरल इंफेक्शन में सबसे ज्यादा ब्रोन्काइटिस एलर्जी के केस हैं। ऐसे में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के मरीज में जुकाम, बुखार तो एक हफ्ते में ठीक हो रहे हैं, लेकिन ब्रोन्काइटिस एलर्जी से चार-पांच दिन में ठीक होने वाली खांसी तीन से चार हफ्ते में भी ठीक नहीं हो रही।
ऐसे मरीजो में एच3एन2, यूआरआई, एडिनोवायर, कोविड की रिपेार्ट भी निगेटिव आ रही है। एसएमएस अस्पताल की ओपीडी में 5 से 19 फरवरी तक 1 लाख 28 हजार 332 मरीज आए, इनमें 50 फीसदी मौसमी बीमारी से पीड़ित थे।
मल्टीपल कॉम्बिनेशन में ज्यादा एमजी की दवा लिख रहे
सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना ने बताया कि ओपीडी में बुखार-गले में खराश या सामान्य वायरल के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। इनमें से 10 में से 4 में पोस्ट ब्रोन्काइटिस एलर्जी देखने को मिल रही है। वायरल से सूखी खांसी चलनी शुरू हो रही है, जो दो या उससे ज्यादा हफ्तों तक ठीक नहीं हो रही।
आमतौर पर मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों में वायरस डिटेक्ट नहीं हो पा रहे हैं। इससे कोविड समेत दूसरे वायरस की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। ऐसे मरीजों पर सामान्य दवाएं भी कम असरदार हो रही हैं, ऐसे में मरीज को मल्टीपल कॉम्बिनेशन में ज्यादा एमजी की दवाई लिखनी पड़ रही है।
संक्रमण: परिवार में एक-दूसरे से बीमार हो रहे
ये सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस इन्फ्लूएंजा, सिंस्टिएल वायरस है। तापमान में लगातार बदलाव से ऐसा हो रहा है। इसमें लंबे समय तक खांसी की समस्या रहती है, ऐसे केसेज में निमोनिया रेयर है। वायरल इंफेक्शन के बाद शुरुआत में सामान्य खांसी, बुखार, जुकाम जैसे लक्षण दिखते हैं।
कई मरीजों को बुखार भी नहीं होता लेकिन सामान्य वायरल एलर्जिक ब्रोन्क्राइटिस में बदल जाता है। इसमें खांसी लंबे समय तक रहती है, ये रुटीन रेस्पिरेटरी पैनल वायरस का वैरिएंट है। परिवार में एक व्यक्ति चपेट में आने के बाद अन्य सदस्य भी बीमार हो रहे।
15 दिन से दिन-रात के पारे में 12 से 15 डिग्री का अंतर
जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ने के बाद फरवरी में दिन-रात के पारे में भी लगातार उतार चढ़ाव भरा रहा। पहले हफ्ते में अच्छी मावठ होने के बाद अचानक रात का तापमान लुढ़का जबकि दिन में तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी 5 फरवरी बाद ही ज्यादा बढ़ा है। बीते 2 दिन से दिन-रात के तापमान में 10 से 15 डिग्री का अंतर है। 19 फरवरी की रात न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जबकि दिन का तापमान 3 डिग्री लुढ़ककर 29.1 डिग्री दर्ज हुआ।
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