जयपुरः राजस्थान के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है. आज राजस्थान स्थापना दिवस के रूप मनाया जा रहा है. ऐसे में इसको लेकर शुभकामनाओं का दौर भी लगातार जारी है. पीएम मोदी ने भी प्रेदशवासियों को इस अवसर पर बधाई दी.
राजस्थान दिवस पर राज्य के अपने सभी परिवारजनों को मेरी कोटि-कोटि शुभकामनाएं. अद्भुत ऊर्जा और उत्साह से भरे यहां के लोग राज्य के गौरव की एक नई गाथा लिखने में जुटे हैं. मुझे विश्वास है कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में राजस्थान की भूमिका बेहद अहम रहने वाली है.
वहीं भजनलाल ने कहा कि सोने री धरती अठै, चांदी रो असमान. रंग रंगीलो रस भरियो, ओ म्हारो राजस्थान. आप सगळा ने "राजस्थान स्थापना दिवस" री घणी-घणी शुभकामनाएं. पीएम मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' की संकल्पना के अनुरूप प्रदेश भाजपा सरकार "आपणो अग्रणी राजस्थान" के निर्माण हेतु प्रत्येक स्तर पर निरंतर क्रियाशील है.
आज के इस विशेष दिवस पर श्री गिरिराज जी महाराज से प्रार्थना है कि अध्यात्म, संस्कृति एवं गौरवशाली इतिहास से परिपूर्ण हमारा प्रदेश यूँही प्रगति के नित नए प्रतिमान स्थापित करता रहे, समस्त प्रदेशवासियों के जीवन में समृद्धि एवं खुशहाली का मार्ग प्रशस्त हो.
राजस्थान शौर्य,बलिदान,स्वाभिमान,सभ्यता,समृद्ध संस्कृति की धरती है. विभिन्न रियासतों के विलय के बाद 30 मार्च 1949 को स्थापना हुई थी. सबसे पहले अलवर,भरतपुर,धौलपुर,करौली रियासतों का एकीकरण हुआ. बाद में इसमें जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर की रियासतों का विलय हुआ. वैसे माना जाए तो कुल 7 चरण में हुआ राजस्थान का एकीकरण हुआ. जो कि 30 मार्च 1949 को पूरा हुआ था. राजस्थान नाम देने के पीछे भी एक बड़ा कारण था.
आजादी से पहले कई रियासतें और कई राजाओं का शासन रहा. वंशानुगत शासन के बाद जब देश में लोकतंत्र लागू हुआ. तो राजाओं के स्थान के चलते प्रदेश का नामकरण राजस्थान हुआ. बता दें कि गौरव गाथाओं को समेटे क्षेत्रफल में राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है.
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