जयपुर में ऑर्गन ट्रांसप्लांट(अंग प्रत्यारोपण) मामले में जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। पुलिस ने गुरुग्राम में पकड़े गए किडनी-लिवर रैकेट के 5 डोनर और रिसीवर को जयपुर लाने की तैयारी कर ली है। रैकेट के इन बदमाशों को जयपुर लाने के लिए पुलिस की एक टीम देर रात गुरुग्राम पहुंची है।
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया- जयपुर में इन पांचों से पूछताछ की जाएगी। वहीं, एसीबी ने अब तक की जांच में जिन लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्हें भी जेल से पूछताछ के लिए लेकर आएगी। दोनों निजी अस्पताल (फोर्टिस और ईएचसीसी) के डॉक्टर, को-ऑर्डिनेटर सहित अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों को भी इन सभी के साथ बैठाकर पूछताछ होगी। सूत्रों की माने तो जयपुर पुलिस ने सभी हॉस्पिटल को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाना शुरू कर दिया है।
जयपुर पुलिस ने एसएमएस में खंगाला रिकॉर्ड
इसके साथ जयपुर पुलिस की टीम ने एसएमएस हॉस्पिटल में आर्गन ट्रांसप्लांट के कार्यालय में छानबीन शुरू कर दी है। कल पुलिस ने ट्रांसप्लांट कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों से पूछताछ की। अब तक हुए ट्रांसप्लाट के रिकॉर्ड के बारे में जानकारी ली। दस्तावेजों के बारे में जानकारी ली गई
एसीबी से मांगी जाएगी अब तक की जांच रिपोर्ट,दस्तावेज
वहीं, एसीबी के रडार पर आए सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी और फोर्टिस हॉस्पिटल के कॉ-ऑडिनेटर विनोद व गिरिराज को जयपुर पुलिस आज जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करेगी। एसीबी से भी अब तक की जांच का रिकॉर्ड जयपुर पुलिस ने मांगा है। साथ ही दस्तावेज भी खंगाल रही है।
क्या है मामला
दरअसल, एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथ पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी लेटर भी जब्त किए थे।
कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया थे। इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। बाद में ईएचसीसी हॉस्पिटल के को-ऑर्डिनेटर गिरिराज को भी गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, दूसरी तरफ हरियाणा के गुरुग्राम में किडनी रैकेट का मामला सामने आया था। जहां हरियाणा सीएम की फ्लाइंग टीम के ऑपरेशन में एक डोनर और दो रिसीवर होटल से गिरफ्तार हुए था। गुरुग्राम के सदर थाने में इससे संबंधित केस दर्ज है। इस मामले में गुरुग्राम में अब तक 2 डोनर और 3 रिसीवर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। साथ ही जयपुर के जवाहर सर्किल थाने में भी इस केस में एफआईआर दर्ज की गई है।
गुरुग्राम पुलिस पहले से एक्टिव पूरे केस में
गुरुग्राम पुलिस इस केस में पहले से एक्टिव है। गुरुग्राम पुलिस चार दिन पहले जयपुर आई थी। जयपुर में दोनों निजी अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों के बयान लेकर गई है। वहीं, गुरुग्राम पुलिस ने इस केस में कुछ अन्य हॉस्पिटल के बारे में भी जानकारी जयपुर पुलिस के साथ साझा की है।
सूत्रों की माने तो किडनी ट्रांसप्लांट के कुछ ऑपरेशन अजमेर रोड स्थित एक निजी हॉस्पिटल में हुए थे। इसकी डिटेल गुरुग्राम पुलिस के पास है। गुरुग्राम पुलिस इस केस में जल्द से जल्द बड़े अस्पतालों के खिलाफ कड़ा एक्शन ले सकती है। गुरुग्राम पुलिस की जांच की प्रक्रिया को देखते हुए जयपुर कमिश्नरेट पुलिस भी एक्टिव हुई है।
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