मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जिस दिन लोकसभा का टिकट मिला था, उसी दिन तय हो गया था कि उनकी भूमिका राष्ट्रीय राजनीति में होगी। अब पहली बार उनकी भूमिका का जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।
24 अप्रैल को हरदा में सभा लेने आए पीएम मोदी ने मंच से कहा कि वे शिवराज को अब दिल्ली ले जाना चाहते हैं, इसलिए उन्हें भारी मतों से जिताएं। मोदी के इस मैसेज के क्या मायने हैं? एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव में शिवराज और केंद्रीय नेतृत्व के बीच अघोषित टकराव की स्थिति थी, वो अब नहीं है।
वहीं, जिस लाड़ली बहना योजना ने बीजेपी को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाई है, उसका अभी महिलाओं के बीच असर दिखता है। ऐसे में पीएम मोदी ने लोगों को संदेश देने की कोशिश की है कि शिवराज को भले ही मुख्यमंत्री नहीं बनाया, लेकिन पार्टी उनके अनुभव का फायदा केंद्र में उठाना चाहती है। दूसरा शिवराज ओबीसी वर्ग का सबसे बड़ा चेहरा हैं। कांग्रेस इस समय ओबीसी के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने में जुटी है।
हरदा की सभा में मोदी ने शिवराज को लेकर क्या कहा
हरदा की सभा में मंच पर विदिशा से लोकसभा प्रत्याशी पूर्व सीएम शिवराज और बैतूल प्रत्याशी दुर्गादास उईके बैठे थे। दरअसल, हरदा विधानसभा की सीमा से सटी हुई खातेगांव विधानसभा सीट है। ये सीट विदिशा लोकसभा क्षेत्र में आती है। इस वजह से शिवराज भी बतौर प्रत्याशी मोदी की सभा के मंच पर मौजूद थे।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे 2 लोकसभा प्रत्याशी यहां बैठे हुए हैं। मैं शिवराज सिंह को दिल्ली ले जाना चाहता हूं। संगठन में मैं और शिवराज साथ काम करते थे। वो मुख्यमंत्री थे, तब मैं भी सीएम था। जब वे संसद पहुंचे, तब मैंने महामंत्री के नाते साथ काम किया। अब मैं एक बार फिर उन्हें दिल्ली लेकर जाना चाहता हूं। उन्होंने लोगों से कहा कि इन दोनों को भारी मतों से जीत दिलाना है। जब आप इन्हें वोट देते हैं तो मोदी को शक्ति देते हैं।
मध्यप्रदेश में आधी आबादी ओबीसी वर्ग से आती है। शिवराज इसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा इसका फायदा लोकसभा चुनाव में उठाना चाहती है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के एक सर्वे में यह सामने आया था कि मध्यप्रदेश में 56% ओबीसी मतदाता बीजेपी को वोट दे सकते हैं। जबकि 32% कांग्रेस को चुन सकते हैं। बाकी 12% ओबीसी वोट अन्य पार्टियों के पास जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने शिवराज के बारे में जो कहा, उसकी एक वजह जानकार यह भी मानते हैं कि मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना का असर अब भी बरकरार है। शिवराज की यह योजना विधानसभा चुनाव में मील का पत्थर साबित हुई थी और भाजपा को बंपर जीत मिली थी। अब मोदी यह संदेश देना चाहते हैं कि शिवराज को भले ही मुख्यमंत्री नहीं बनाया, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय किया जा रहा है।
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