वरुण गांधी ने यूं ही नहीं ठुकराया रायबरेली का टिकट, केवल सियासी नहीं है वजह

बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट पीलीभीत से काट दिया। लेकिन जब कांग्रेस की तरफ से रायबरेली से प्रियंका गांधी के मैदान में उतरने की चर्चा होने लगी तो बीजेपी ने उनके सामने वरुण को ही खड़ा करने का मन बनाया। हालांकि, वरुण गांधी ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से साफ कह दिया कि वो परिवार के सदस्य के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे।

 कांग्रेस अगर रायबरेली और अमेठी से गांधी परिवार के क्रमशः प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को उतारे तो दोनों को चुनावी मैदान में कैसे मात दिया जाए, बीजेपी इसकी योजना में जुटी हुई है। पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली ही लिस्ट में अमेठी से स्मृति इरानी को टिकट दे दिया, लेकिन रायबरेली में उसकी तलाश अब भी जारी है। पीलीभीत से सांसद और गांधी परिवार के ही सदस्य वरुण गांधी को रायबरेली से अपने ही परिवार के खिलाफ दो-दो हाथ करने का ऑफर मिला तो उन्होंने इसे तुरंत ठुकरा दिया। 

वरुण ने टॉप लीडरशिप को बता दी अपनी इच्छा

वरुण गांधी के करीबी सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने अपनी यह अनिच्छा बीजेपी के टॉप लीडरशिप को औपचारिक रूप से बता दी है। कहा जाता है कि रायबरेली से वरुण को उतारे जाने को लेकर हुए मंथन के पीछे बीजेपी के आंतरिक सर्वे से निकले संकेतों की अहम भूमिका रही। इन सर्वे में पार्टी ने प्रियंका के सामने यूपी के अपने दोनों डिप्टी सीएम से लेकर बीजेपी की सीनियर नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती सहित लगभग आधे दर्जन से ज्यादा चेहरों को लेकर रायशुमारी की। बताया जाता है कि इस पूरी कवायद में वरुण गांधी का नाम उभरकर सामने आया, जो बीजेपी की ओर से प्रियंका को गंभीर टक्कर दे सकता था। उसके बाद बीजेपी की ओर से यह पहल की गई।

 

प्रियंका से अच्छे संबंध के कारण भी नहीं लड़ना चाहते वरुण

वरुण के करीबी सूत्र का दावा है कि पिछले दिनों टॉप लीडरशिप की ओर से उन्हें रायबरेली से लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से उनकी दो से तीन राउंड की बात हुई। कहा जाता है कि वरुण ने सोचने का समय मांगा और काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने साफ कह दिया कि वो रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ना चाहते। वरुण गांधी के करीबी सूत्रों के मुताबिक, रायबरेली से प्रियंका गांधी के खिलाफ चुनाव न लड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि वो परिवार में टकराव नहीं चाहते हैं। उनका मानना है कि इस मुकाबले का लोगों के बीच अच्छा संदेश नहीं जाएगा। राजनीतिक तौर पर यह ठीक नहीं रहेगा। दरअसल, वरुण गांधी का अपनी चचेरी बहन प्रियंका गांधी से रिश्ते भी मधुर हैं। उनकी यह भी नीति है कि लड़ाई नीतियों के बीच होनी चाहिए, व्यक्तित्व के बीच नहीं। उनके एक करीबी का कहना है कि वरुण गांधी को लगता है कि इससे चुनाव के मुख्य मुद्दे कहीं गौण हो जाते हैं

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
राजस्थान विधानसभा का तीसरा सत्र, राज्यपाल के अभिभाषण से होगी शुरुआत, हंगामे के आसार | राजस्थान में नई आबकारी नीति लागू, 4 साल तक चलेगी, दस कमरों वाले होटल्स में भी बार की अनुमति | राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी आर्थिक सर्वेक्षण | दिल्ली में उलेमा बोर्ड की बड़ी तैयारी, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने सक्रियता बढ़ाई | दिल्ली में उलेमा बोर्ड की बड़ी तैयारी, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने सक्रियता बढ़ाई | दौसा सीट पर पायलट और किरोड़ी की प्रतिष्ठा दांव पर, SC-ST वर्ग के मतदाता सर्वाधिक, दस साल से कांग्रेस का कब्जा | विधानसभा उपचुनाव में वसुंधरा-पायलट की भूमिका होगी अहम, बीजेपी-कांग्रेस के ये दिग्गज भी दिखाएंगे अपना दम! | करंट से युवक की मौत, मासूमों के सिर से उठा पिता का साया गम मे बदली दिवाली की खुशियां | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला |