जयपुर में नॉर्दन रिंग रोड प्रोजेक्ट फिलहाल शुरू नहीं होगा। नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने प्रोजेक्ट के लिए जो जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू की थी। उसे रुकवा दिया है। एनएचएआई को अवाप्ति प्रक्रिया के तहत 3D (प्रभावित गांव और एरिया की विज्ञप्ति जारी करना) का प्रस्ताव जिला प्रशासन जयपुर को भेजना था, जो अप्रैल तक नहीं भेजा गया। इसके कारण जमीन अवाप्ति की अब तक की गई सारी प्रक्रिया बेकार हो गई। इधर, एनएचएआई ने अब इस प्रोजेक्ट पर काम न करने के पीछे भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के 18 दिसंबर के एक पत्र का हवाला दिया है।
एनएचएआई की ओर से लिखे पत्र में बताया- मंत्रालय ने भारत माला प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण की सभी परियोजनाओं पर किसी भी प्रकार के अतिरिक्त दायित्वों का सर्जन नहीं करने के लिए कहा है। एनएचएआई के इस पत्र के बाद प्रशासन ने जमीन अवाप्ति की आगे की प्रक्रिया को रोक दिया।
दूसरी बार रुकवाया प्रोजेक्ट की जमीन अवाप्ति का काम
एनएचएआई ने नॉर्दन रिंग रोड की जमीन अवाप्ति का ये काम दूसरी बार रुकवाया गया है। इससे पहले साल 2020 में भी प्रोजेक्ट पर काम रुक गया था। उस समय कोविड-19 का हवाला देकर 3D की कार्रवाई को रोका गया था। काम रोकने का सबसे ज्यादा प्रभाव प्रोजेक्ट की लागत पर आता है।
क्या है 3D की प्रक्रिया
किसी भी नेशनल हाइवे के लिए जमीन अवाप्ति एनएचएआई के अधिनियम के तहत की जाती है। इसमें सबसे जहां प्रोजेक्ट (राजमार्ग) बनाना होता है। वहां पहले 3a की कार्रवाई होती है। इसमें उन गांवों या एरिया को चिह्नित किया जाता है, जिनकी जमीन अवाप्त करनी होती है। इसके साथ ही भूमि अवाप्ति अधिकारी (LAO) नियुक्त होता है।
इसके बाद एनएचएआई अपनी एजेंसियों से उन गावों की जमीन का खसरा वाइज प्लान बनाता है, जहां से प्रोजेक्ट निकलता है। उन खसरों को चिह्नित करने के बाद उसकी रिपोर्ट तैयार करके 3c (1) के तहत उनका प्रकाशन समाचार पत्रों में करवाता है। समाचार पत्रों में प्रकाशन के बाद प्रभावित 21 दिन के अंदर अपनी आपत्तियां दर्ज करवाते हैं। उन पर सुनवाई जिला प्रशासन की ओर से नियुक्त LAO करता है। उनका निस्तारण करता है।
इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद इसकी फाइनल रिपोर्ट सड़क परिवहन मंत्रालय को भिजवाई जाती है। ये पूरी प्रक्रिया एक साल के अंदर होती है। 3A के प्रकाशन तारीख से लेकर एक साल के अंदर 3D का प्रकाशन होना जरूरी होता है। 3D के तहत एक सूची का प्रकाशन होता है, जिसमें प्रभावित गांव और एरिया के जमीन खसरे वाइज और उन खसरों के मालिक यानी खातेदारों के नाम की सार्वजनिक विज्ञप्ति जारी होती है।
24 अप्रैल तक जारी करनी थी 3D की सूचना
एनएचएआई को 24 अप्रैल 2024 तक 3D की सूचना जारी करवानी थी। इसके लिए उसे प्रस्ताव जिला प्रशासन को भिजवाना था, लेकिन नहीं भिजवाया। इसके बजाए एनएचएआई ने पत्र लिखकर LAO को आगे की प्रक्रिया नहीं करने के लिए कह दिया। 34 गांवों की जमीन अवाप्ति अटकी आगरा रोड से दिल्ली बाइपास तक बनने वाले इस नॉर्दन रिंग रोड के लिए जयपुर, आमेर और जमवारामगढ़ तहसीलों के 14 गांवों की जमीन अवाप्त की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। करीब 45KM के इस रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए 388 हैक्टेयर से ज्यादा जमीन अवाप्ति का प्रस्तावित थी।
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