नई दिल्ली: भाजपा ने चुनाव आयोग (ईसी) की पूर्ण पीठ को अपने ज्ञापन में सोमवार को मांग की कि राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल में केवल केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) तैनात किया जाए. पार्टी के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और कहा कि केंद्रीय आईबी इनपुट के आधार पर क्षेत्र प्रभुत्व अभ्यास और रूट मार्च किया जाना चाहिए.
भगवा पार्टी ने यह भी मांग की कि पश्चिम बंगाल पुलिस की 'पक्षपातपूर्ण भूमिका' के कारण सीएपीएफ कर्मियों के रूट मार्च की निगरानी पुलिस पर्यवेक्षकों द्वारा की जानी चाहिए, न कि स्थानीय पुलिस द्वारा. BJP खेमे ने कहा कि आम चुनाव के दौरान 'केवल सीएपीएफ और किसी अन्य राज्य से कोई बल तैनात नहीं किया जाएगा', जिसकी तारीख अभी घोषित नहीं की गई है. भाजपा की राज्य इकाई के नेताओं ने मांग की कि मतदान केंद्रों के 200 मीटर के दायरे में केवल सीएपीएफ कर्मियों को तैनात किया जाए.
पार्टी ने कहा कि मतदान केंद्रों के सामने कतारों की निगरानी के लिए भी होम गार्ड, नागरिक स्वयंसेवकों या हरित पुलिस की तैनाती नहीं होनी चाहिए. पार्टी ने चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ को बताया कि किसी भी अशांति या समस्या के मामले में, केवल सीएपीएफ कर्मियों को हस्तक्षेप करने के लिए कहा जाना चाहिए. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की पीठ रविवार को कोलकाता पहुंची.भाजपा ने मांग की कि सभी बूथों की वीडियोग्राफी पश्चिम बंगाल के बाहर की एजेंसी से करायी जानी चाहिए.
पार्टी ने चुनाव आयोग को दिए अपने अभ्यावेदन में कहा, 'विशेष पर्यवेक्षक और विशेष पुलिस पर्यवेक्षक क्रमशः पूर्व मुख्य सचिव रैंक का अधिकारी और पूर्व डीजी रैंक का अधिकारी होना चाहिए. पार्टी ने कहा कि राजनीतिक दलों के एजेंटों को प्रवेश द्वार पर बैठाया जाना चाहिए, न कि मतदान केंद्रों के अंदर, और चुनाव पैनल को मतदाताओं के नामों के दोहराव पर नजर रखनी चाहिए. भाजपा ने राज्य में लोक सेवकों की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया, जो भगवा खेमे के अनुसार, उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हाल के हमलों में प्रदर्शित हुआ था.
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