देहरादून: एसटीएफ की टीम ने साइबर धोखाधड़ी के सरगना को जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया है. आरोपी सोशल मीडिया साइट्स में विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से धनराशि जमा करवाते थे. एसटीएफ की टीम ने आरोपी से घटना में प्रयोग बैंक खाते, 03 मोबाइल फोन, 01 लैपटॉप, 07 चेक बुक, पासबुक, बैंक चेक, 07 डेबिट कार्ड, अलग-अलग सिम कार्ड, फर्जी मुहरें सहित अनेक सामान बरामद किया है. साथ ही संदिग्ध 1 करोड़ की धनराशि के लेनदेन का मामला भी सामने आया है.
अल्मोड़ा के शिक्षा कर्मी ने दर्ज कराई थी शिकायत:
दरअसल जनपद अल्मोड़ा में शिक्षा विभाग में नियुक्त पीड़ित द्वारा फरवरी 2024 में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके द्वारा पिछले दिनों फेसबुक में एक ट्रेडिंग बिजनेस का मैसेज देखा गया. उसके लिंक पर क्लिक करने पर उनका सम्पर्क एक विदेशी वाट्सअप नम्बर से हुआ. इस नम्बर पर चैंटिग करने पर उन्हें एक वाट्सअप ग्रुप में जुड़ने के लिए बताया गया. DITIGAMAX एप्लिकेशन डाउनलोड कर इन्वेस्ट करने के लिए कहा गया.
30 लाख की धोखाधड़ी हुई थी:
इस एप्लिकेशन में ट्रेडिंग करने के लिये उनके द्वारा वाट्सअप के माध्यम से उपलब्ध कराये गये अलग-अलग बैंक खातों में लगभग 30 लाख रुपये की धनराशि धोखाधड़ी से जमा करायी गयी. साइबर अपराधियों द्वारा नये जारी होने वाले शेयर में अधिक मुनाफे का लालच दिया गया. इसमें निवेश करने पर पीड़ित को कुछ ही दिनों मे 3 गुना मुनाफे सहित लगभग 90 लाख रुपये की धनराशि उनके डेसबोर्ड में प्रदर्शित की गयी. पीड़ित की तहरीर के आधार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
शेयर मार्केट में मोटे मुनाफे का दिया था लालच:
साइबर क्राइम पुलिस द्वारा घटना में प्रयोग बैंक खातों, मोबाइल नम्बर, जीमेल और वाट्सअप की जानकारी के लिए सम्बन्धित बैंकों, सर्विस देने वाली कम्पनी, मेटा और गूगल कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया. प्राप्त डेटा को चेक करने पर जानकारी मिली कि साइबर अपराधियों द्वारा घटना में पीड़ित से प्री-एक्टिवेटेड दूसरे व्यक्तियों के नाम से आवंटित मोबाइल सिम कार्ड का बैंक खातों में प्रयोग किया गया है. दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के अलग-अलग बैंक खातों में धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त की गयी है. साथ ही आरोपी साइबर धोखाधड़ी के लिए दूसरे व्यक्तियों की आईडी से जारी कई सिमकार्ड्स और धनराशि बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे. दूसरे व्यक्तियों के नाम से फर्जी कम्पनियों के दस्तावेज बनाकर खोले गये बैंक खातों का प्रयोग करते थे.
साइबर ठगी का मास्टर माइंड चंदन कुमार यादव अरेस्ट:
जांच के दौरान एसटीएफ टीम द्वारा बैंक खातों और मोबाइल नम्बरों का सत्यापन करने पर फर्जी आईडी पर संचांलित होने पाये गये. एसटीएफ की टीम ने सबूत इकट्ठे करते हुए घटना के मास्टर माइंड और मुख्य आरोपी चंदन कुमार यादव निवासी जिला भागलपुर बिहार को चिन्हित करते हुये आरोपी की तलाश शुरू की. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर दबिशें दी, लेकिन आरोपी काफी शातिर किस्म का था, जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलता रहता था. इसी बीच एसटीएफ टीम के पास कुछ नई तकनीकी बिन्दुओं पर प्राप्त जानकारी हाथ लगी. जिस पर टीम द्वारा आरोपी चंदन कुमार यादव को जिला जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया.
अपराध का तरीका:
आरोपी द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रेडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाइन ट्रेडिंग करने और मोबाइल फोन में DITIGAMAX एप्लिकेशन डाउनलोड कर नये शेयर के जारी होने वाले (IPO) में तीन गुना तक का मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी. साइबर ठग द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर धनराशि को एटीएम के माध्यम से निकाला जाता था.
ऐसे करता था ठगी:
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि लालच का झांसा देने के लिये मोबाइल एप्लिकेशन में मुनाफे की धनराशि पीड़ित को उसके डैसबोर्ड पर दिखायी देती थी. पूछताछ में आरोपी द्वारा बताया गया कि उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोले हैं, जिनका प्रयोग वह खुद करता था. बैंक खातों में लिंक मोबाइल नम्बर और ईमेल आईडी को इंटरनेट बैंकिंग के लिये प्रयोग करता था. एसटीएफ की टीम ने देश भर में अलग-अलग राज्यों से प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है.
फर्जी बैंक खातों का प्रयोग:
आरोपी ने साइबर अपराध के लिए अलग-अलग लोगों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोलकर उन खातों का प्रयोग साइबर अपराध में ठगी गयी धनराशि को जमा करने और निकालने में किया. इस मुकदमे से सम्बन्धित बैंक खाता भी इसी आरोपी ने एक दिव्यांग व्यक्ति के नाम से खोला था. जिस खाते को इन्टनेट बैंकिंग के माध्यम से संचालित करने के लिए एसएमएस अलर्ट नम्बर और ईमेल आईडी का प्रयोग अभियुक्त द्वारा किया जा रहा था. आरोपी द्वारा कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म और कम्पनियों को रजिस्टर्ड कर बैंक खाते खोले गये हैं, जिनका एक्सेज आरोपी द्वारा किया जा रहा था. इन बैंक खातों के बैंक स्टेटमेंट में करोड़ों रुपये का लेनदेन किया जाना पाया गया है. जांच में यह भी सामने आया है कि इन बैंक खातों के खिलाफ देश के कई राज्यों से साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं. साथ ही गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड आदि राज्यों में कुल 11 शिकायतें भी दर्ज हैं.
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