पूर्वांचल में छठे फेज के चुनाव की 14 सीटें हैं। इन पर हवा का रुख देखें, तो 6 सीटों पर भाजपा को इंडी गठबंधन से कड़ी टक्कर मिल रही। 5 सीटों पर भाजपा बढ़त में है। 3 सीटों पर सपा सेफ दिख रही है। ये सीटें हैं, आजमगढ़, मछलीशहर और डुमरियागंज। 2019 में 14 सीटों में 9 पर भाजपा का कब्जा था, सिर्फ 1 सीट आजमगढ़ सपा जीत सकी थी। जबकि बसपा ने 4 सीटें जीती थीं। संतकबीरनगर, बस्ती, सुल्तानपुर और भदोही पर भाजपा का कब्जा था। मगर 2024 के चुनाव में यहां भाजपा को सपा से कड़ी टक्कर मिल रही है।
सबसे टफ फाइट आजमगढ़ और जौनपुर सीटों पर दिख रही है। यादव परिवार की परंपरागत सीट आजमगढ़ बचाने का चैलेंज अखिलेश के सामने है। गुड्डू जमाली को MLC बनाकर उन्होंने मुस्लिम वोटर्स को एकजुट कर लिया है। बसपा के कमजोर चुनाव लड़ने की वजह से दलित वोटर्स का बिखराव हो सकता है। 2022 उपचुनाव में भले ही भाजपा ने आजमगढ़ सीट जीत ली थी, मगर मार्जिन सिर्फ 8 हजार का था। गुड्डू जमाली 2.66 लाख वोट पाकर गेमचेंजर साबित हुए थे। अब बदले हुए समीकरण में भाजपा के दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' के लिए चुनाव टफ होता दिख रहा है।
वहीं जौनपुर सीट पर धनंजय का भाजपा के साथ होने के बावजूद फाइट बनी हुई है। सपा के बाबू सिंह कुशवाहा मुस्लिम-यादव और OBC वोटर्स के बीच मजबूत दिख रहे हैं। भाजपा के कृपाशंकर का चुनाव दरअसल धनंजय सिंह लड़वा रहे हैं। यहां श्रीकला रेड्डी के चुनाव से बाहर होने का सबसे ज्यादा नुकसान बसपा को उठाना पड़ रहा है। जौनपुर में भाजपा और सपा के बीच कड़ी टक्कर है।
मेनका गांधी का चुनाव भी आसान नहीं
मछलीशहर में भाजपा ने सीटिंग सांसद को रिपीट किया है। 2019 के चुनाव में भाजपा के बीपी सरोज सिर्फ 181 वोट से चुनाव जीते थे। सपा ने 3 बार के सांसद तूफानी सरोज की बेटी प्रिया सरोज पर भरोसा जताया। यहां भाजपा के लिए चुनाव आसान नहीं है। मेनका गांधी के लिए आशीष पटेल और संजय निषाद दोनों ही एक्टिव हैं, क्योंकि सुल्तानपुर में निषाद और पटेल वोटर्स निर्णायक हैं। मेनका के लिए भी यह चुनाव आसान नहीं है, इसलिए चुनाव कैंपेन संभालने उनके बेटे वरुण गांधी भी पहुंचे।
भदोही में पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के बेटे ललितेश पति त्रिपाठी I.N.D.I गठबंधन से अच्छा चुनाव लड़ रहे हैं। डुमरियागंज सीट से भाजपा के सीटिंग सांसद जगदंबिका पाल को हरिशंकर तिवारी के बेटे भीष्म शंकर तिवारी से कड़ी टक्कर मिल रही है। भीष्म डुमरियागंज से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रतापगढ़, इलाहाबाद, फूलपुर, श्रावस्ती, लालगंज सीटों पर भाजपा बढ़त में दिख रही है। संतकबीरनगर, बस्ती, अंबेडकरनगर में भाजपा और सपा के बीच तगड़ी फाइट है। छठवें चरण में सबसे ज्यादा नुकसान में बसपा दिख रही है। 2019 में बसपा को जौनपुर, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर और लालगंज में जीत मिली थी, मगर 2024 में किसी भी सीट पर बसपा के प्रत्याशी चर्चा में नहीं हैं, वो सिर्फ कोर वोटर्स के भरोसे चुनाव लड़ रहे हैं।
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