रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन इसके लिए उन्होंने कुछ शर्तें रखी हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने रूसी सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि पुतिन चाहते हैं कि दोनों देशों की सीमा अब मौजूदा हिसाब से ही रहे। यानी कि रूस ने यूक्रेन के जिन इलाकों पर कब्जा कर लिया है वे अब उनका ही हिस्सा रहे।
पुतिन युद्ध रोकने को लेकर तैयार हैं ऐसी रिपोर्टें कई महीनों से चल रही हैं लेकिन ये रिपोर्ट उस समय आई है कि जब मॉस्को ने उत्तर-पूर्वी यूक्रेन के खार्किव क्षेत्र के खिलाफ एक नया आक्रमण शुरू किया है।
रूस के पास क्रीमिया तक जमीनी रास्ता
पुतिन के साथ काम कर चुके एक शख्स ने एजेंसी से कहा कि पुतिन जब तक चाहें लड़ सकते हैं, लेकिन पुतिन युद्ध विराम के लिए भी तैयार हैं। एक अन्य सूत्र ने बताया कि अब रूस के पास क्रीमिया तक जमीनी रास्ते तक की पहुंच है।
मौजूदा बॉर्डरलाइन को लेकर यदि सहमति बन जाती है तो रूसी इसे अपनी जीत समझेंगे। वे ये कह सकते हैं कि पश्चिम के हमले के बावजूद उन्होंने अपनी संप्रभुता बनाए रखी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रॉयटर्स से कहा कि पुतिन ने बार-बार ये जताया है कि वे बातचीत के लिए तैयार है और लंबे वक्त तक युद्ध नहीं चाहते हैं।
हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की, पुतिन की शर्तों पर किसी भी शांति समझौते को स्वीकार करना नहीं चाहते हैं। उन्होंने रूसी सेना के द्वारा कब्जा किए गए यूक्रेनी इलाकों को फिर से हासिल करने की कसम खा रखी है। इसमें क्रीमिया भी शामिल है जिस पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था। इसी महीने की शुरुआत में रूस ने खार्किव में लड़ाई तेज कर दी थी। 10 मई को रूस की सेना खार्किव में एक किलोमीटर तक अंदर घुस गई। इसके बाद जेलेंस्की ने सेना से यूक्रेनी लोगों को बाहर निकालने का आदेश दिया।
हर हाल में खार्किव को जीतना चाहता है रूस
साथ ही उन्होंने सभी रिजर्व सैनिकों को वापस बुला लिया है, ताकि इन्हें खार्किव में तैनात किया जा सके। खार्किव रूस की सेना के लिए इसलिए अहम है क्योंकि 2022 में उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा था। 2022 में खार्किव में मिली हार के बाद रूस का प्लान है की वो हर हाल में खार्किव पर जीत हासिल करे।
रूस-यूक्रेन के बीच 2 साल से ज्यादा समय से जंग जारी
24 फरवरी 2024 को दो साल पूरे रूस-यूक्रेन जंग को हो गए थे। 2 साल पहले इसी दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला किया था। पुतिन ने उस समय इसे मिलिट्री ऑपरेशन बताया था। इस हमले में अब तक 40 लाख से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों को देश छोड़ना पड़ा है। ये लोग अब अन्य देशों में रिफ्यूजी की तरह रह रहे हैं। 65 लाख से ज्यादा यूक्रेनी देश में ही बेघर हो गए हैं।
यूक्रेन के 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस 3.92 लाख सैनिक गंवा चुका है। इस बीच अमेरिका ने रूस की 500 रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए था। इधर, रूस ने भी यूरोपियन यूनियन (EU) की कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे।
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