ऋषिकेश: बीते दिनों से ऋषिकेश स्थित देश का प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) खबरों में है. यहां डॉक्टरों की हड़ताल और फिर पुलिस का फिल्मी स्टाइल में नर्सिंग अधिकारी को गिरफ्तार करने का वीडियो राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रहा है. हालांकि, हाल का ये प्रकरण अकेला ऐसा प्रकरण नहीं है, बल्कि ऋषिकेश एम्स की स्थापना के बाद से ही ऐसे कई मामले यहां सुर्खियां बटोरते रहे हैं.
सीबीआई दे चुकी दस्तक: साल 2014 में एम्स ऋषिकेश का उद्घाटन किया गया था, उसके बाद से अबतक अक्सर कई घटनाक्रम इस संस्थान को खबरों में लाते रहे हैं. इस बार संस्थान में देहरादून पुलिस का जेम्स बॉन्ड स्टाइल देखने को मिला लेकिन पुलिस से पहले यहां केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी कई दफा दस्तक दे चुकी है. एम्स ऋषिकेश में सीबीआई की छापेमारी भी खासी चर्चाओं में रही. यहां टेंडर में गड़बड़ी और मशीनों की खरीद फ्रॉड में भी अनियमितता के मामले को लेकर सीबीआई ने कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी.
यहां मेडिकल स्टोर के टेंडर में गड़बड़ी से लेकर कुछ महंगी मशीनों की खरीद में भी अनियमितता पाई गई थी, जिसको लेकर बाकायदा सीबीआई ने मुकदमा भी दर्ज किया था. मार्च 2023 में मामले को लेकर सीबीआई टीम ऋषिकेश एम्स पहुंची थी.
दरअसल, साल 2017-18 में ऋषिकेश एम्स के लिए स्वीपिंग मशीनों की खरीददारी की गई थी. इसमें करीब ₹2.41 करोड़ के घपले की बात सामने आई थी, जिसमें जांच चल रही है. ये सामने आया था कि दूसरी कंपनी इसी मशीन को एक करोड़ रुपए में दे रही थी. इस मामले में पूर्व में सीबीआई ने 24 जगहों पर छापेमारी की थी और पांच अधिकारियों समेत 8 लोगों को नामजद किया गया था. इससे पहले फरवरी 2022 में भी इसी मामले को लेकर सीबीआई एम्स में पहुंची थी. हालांकि अभी यह मामला भी कानूनी प्रक्रिया में लंबित है.
विवादों में रही नर्सिंग भर्ती: ऋषिकेश एम्स में नर्सिंग संवर्ग की भर्ती भी विवादों में रही थी. फरवरी 2022 में ये मामला सामने आया था. विवाद इतना बढ़ा की बाद में इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया. इतना ही नहीं, कुछ नियुक्तियों को लेकर तो बड़े अधिकारियों को भी सवालों के घेरे में लाया गया और एक राज्य से ही बड़ी संख्या में लोगों को नियुक्ति दिए जाने पर भी सवाल खड़े किए गए.
क्या था नर्सिंग भर्ती विवाद: ऋषिकेश एम्स में नर्सिंग भर्ती का विवाद शिकायतों के साथ शुरू हुआ था. इस पर कई लोगों ने एम्स प्रबंधन से लेकर भारत सरकार तक को शिकायत की थी. आरोप ये था कि एम्स ऋषिकेश में जो नर्सिंग भर्ती की गई है उसमें नियमों को ताक पर रखकर एक विशेष राज्य से ही अधिकतर अभ्यर्थियों को तैनाती दे दी गई. मामले में शिकायत की शुरुआत भी इसी बात से हुई कि आखिरकार करीब 800 से ज्यादा नर्सिंग की भर्ती में 500 से ज्यादा अकेले राजस्थान राज्य से कैसे अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया. दावा किया गया कि एक ही परिवार से 6 लोगों को यहां नौकरी दे दी गई.
शिकायत होने के बाद प्रबंधन द्वारा इंटर्नल जांच कराए जाने की बात कही गई, लेकिन इसमें कोई खास नतीजा नहीं निकल पाया. इसके बाद इस भर्ती को रद्द भी कर दिया गया. खास बात यह है कि प्रकरण पर सीबीआई ने भी सीधे तौर से संज्ञान लिया और मामले में सीबीआई की छापेमारी के दौरान दस्तावेज खंगाले गए. सीबीआई को इस मामले में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले. इसके बाद सीबीआई ने दस्तावेजों के आधार पर मुकदमा दर्ज कार्रवाई को आगे बढ़ाया. फिलहाल यह प्रकरण न्यायिक प्रक्रिया में है.
वार्डों के अंदर भरा पानी: ऋषिकेश एम्स उस समय भी चर्चाओं में आ गया था जब बारिश के दौरान एम्स के अंदर पानी भर गया और वार्ड में मरीज-तीमारदार पानी मे टहलते नजर आए. उस दौरान भी सवाल उठे कि राष्ट्रीय स्तर के इस स्वास्थ्य संस्थान में किस तरह अव्यवस्थाओं का बोलबाला है और यहां का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया था.
AIIMS परीक्षा में चीटिंग कराते मुन्नाभाई गिरफ्तार: इसी महीने एम्स ऋषिकेश एक और मामले को लेकर सुर्खियों में आया था, जो पुलिस की कार्रवाई के बाद प्रकाश में आया. दरअसल, AIIMS द्वारा 19 मई को ऑल इंडिया स्तर पर एमडी परीक्षा (इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट) जुलाई 2024 आयोजित करवाई गई थी. इस परीक्षा में नकल कराने वाले 5 आरोपियों को कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने धरा था. ये लोग एग्जाम सेंटर में बैठे परीक्षार्थियों को टेलीग्राम ग्रुप के जरिए आंसर भेज रहे थे.
एसओजी और ऋषिकेश पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के बाद जब जांच आगे बढ़ी तो पता चला की नकल करने वालों में दो ऋषिकेश एम्स के डॉक्टर भी शामिल थे. हालांकि इस प्रकरण में फिलहाल पुलिस की जांच जारी है, लेकिन ऋषिकेश एम्स के डॉक्टर के भी इसमें शामिल होने की चर्चा होते ही यह राष्ट्रीय स्तर का संस्थान फिर से सुर्खियों में आ गया था.
क्या है सबसे ताजा मामला: बीते दिनों एम्स की महिला डॉक्टर ने नर्सिंग अधिकारी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. महिला का आरोप था कि ऑपरेशन थिएटर में उसके साथ ऐसा किया गया. यही नहीं, महिला डॉक्टर ने नर्सिंग अधिकारी पर अनैतिक मैसेज भेजने का आरोप भी लगाय था. इस घटना के बाद एम्स प्रशासन को डॉक्टरों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. बढ़ती नाराजगी को देखते हुए नर्सिंग अधिकारी को सस्पेंड किया गया. यहां तक कि पुलिस ने चौथी मंजिल पर गाड़ी ले जाकर आरोपी नर्सिंग अधिकारी को हिरासत में लिया.
फिलहाल, इस मामले में एम्स प्रशासन ने हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स को काम पर लौटने के लिए मना लिया है. अब यह विवाद पुलिस की कार्रवाई आगे बढ़ने के साथ कुछ ठंडा पड़ता हुआ भी दिख रहा है. मामले में SIT का गठन कर लिया गया है जो पूरे प्रकरण की जांच करेगी.
पकड़ा गया था फर्जी डॉक्टर: एम्स में घूमते फर्जी डॉक्टर की खबर भी खूब वायरल हुई थी. सितंबर 2023 में एम्स ऋषिकेश में फर्जी डॉक्टर बनकर घूम रहे एक युवक को पकड़ा गया था. संदिग्ध परिस्थितियों में युवक को घूमता देख सेवा वीरों ने उसका परिचय पूछा तो उसने खुद को न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट का चिकित्सक बताया. बातें संदिग्ध लगने पर एम्स प्रशासन ने चेक किया तो युवक फर्जी पाया गया. एम्स प्रशासन ने फिर एम्स चौकी पुलिस को युवक के खिलाफ तहरीर दी. युवक की पहचान सचिन कुमार (निवासी कृष्णा नगर कॉलोनी ऋषिकेश) के रूप में हुई थी.
जांच और पूछताछ के बाद सचिन कुमार ने एम्स प्रशासन को बताया था कि कोविड के दौरान वो डीआरडीओ हॉस्पिटल में बतौर अटेंडेंट काम करता था. एम्स प्रशासन को आरोपी के फोन से 50 से अधिक रजिस्ट्रेशन मिले जो एम्स में कराए गए थे. उसके फोन से लाखों रुपयों की लेन देन के रिकॉर्ड भी मिले थे. कई फर्जी दस्तावेज भी फोन से मिले थे.
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