भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बसे बाड़मेर और जैसलमेर। दुनिया के सबसे गर्म शहरों की लिस्ट में ये नाम टॉप-10 में आते हैं।
चंद मिनटों में सिक गए पापड़ और पॉपकॉर्न
हमने पहले पापड़ और उसके पास में मक्के के कुछ दाने रख दिए। इसके बाद दोनों को रेत डालकर ढक दिया। रेत की हल्की सी परत ही पापड़ पर डाली।
रेत बहुत ज्यादा गर्म थी और धूप की किरणें भी चुभ रही थीं। वहां दो मिनट भी रूकना मुश्किल हो रहा था। हम चंद मिनटों के लिए एक पेड़ के पास खडे़ हो गए।
तीन से चार मिनट इंतजार के बाद फिर वहां पहुंचे और रेत हटाई। पापड़ कुछ जगहों से एकदम आग से सिकने जैसा लग रहा था और कुछ जगह से सख्त हो गया था।
इसके बाद हमने पास में ही रेत में दबाए मक्के के दानों पर से रेत हटाई। दाने कुछ कच्चे थे तो ऐसे में हमने दो से तीन मिनट का इंतजार किया।कुछ देर के बाद हमने रेत हटाई तो मक्के के दाने पॉपकॉर्न में बदल गए थे। हालांकि कुछ दाने सही से नहीं सिक पाए थे।
54 डिग्री पारा, तापमापी बंद पड़ा
हमने भारत-पाक बॉर्डर पर गर्मी की भयावहता जांचने के लिए थर्मामीटर ऑन किया। तापमान की रीडिंग 49.1 से शुरू हुई, जो कुछ ही सेकेंड में 53.8 डिग्री पहुंच गई।
इसके बाद अचानक थर्मामीटर गर्म हो गया और स्क्रीन ब्लैक हो गई। हम जिस मोबाइल से वीडियो शूट कर रहे थे, उसमें भी बार-बार अलर्ट मैसेज आने लगा। मोबाइल हीट का मैसेज स्क्रीन पर आने लगा। इसके बाद दूसरे मोबाइल से वीडियो शूट करना पड़ा।
बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के कमांडेंट सफदर खान ने बताया कि यहां थर्मामीटर कुछ सेकेंड के लिए ही काम करता है, फिर गर्मी से हैंग होकर बंद हो जाता है।
दिन में 55 डिग्री तक तापमान रहता है। शाम को 5 बजे के बाद तापमान कम होता है। हालांकि मौसम विभाग का तापमान रिकॉर्ड करने का अलग तरीका होता है। वे सतह से ऊपर रिकॉर्ड करते हैं।
बाड़मेर : सुबह 10 से शाम 6 बजे तक घर से नहीं निकलते
बाड़मेर शहर में घुसते ही रेतीले धोरों से उठ रही गर्म हवाएं नौतपा का अहसास करा रही थीं। चेहरे को झुलसा रही थीं। बाड़मेर के रामसर गांव में सरपंच गिरीश खत्री से मिले। खत्री ने बताया कि नौतपा में गांव हो या शहर कर्फ्यू सा माहौल रहता है।
सुबह 10 से शाम 6 बजे तक घर से नहीं निकलते, जब तक कि कोई बहुत जरूरी काम न हो। कोशिश करते हैं कि काम सुबह 10 बजे से पहले निपटा लें।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.