नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास अपने दम पर नई सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत नहीं है. इसके चलते तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को मोदी मंत्रिमंडल में अधिक मंत्री पद पाने के लिए मोलभाव करने का मौका मिला गया है.
चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार दोनों के पास गठबंधन सरकार में काम करने काफी अनुभव है. उनके पास मोललभाव करने की स्किल भी है. ऐसे में उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने की उम्मीद है. वहीं, चिराग पासवन की कोशिश भी कुछ ऐसी ही है.
टीडीपी की डिमांड
रिपोर्ट के मुताबिक टीडीपी भी लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी पर दबाव बना रही हैं. पार्टी ने 1990 के दशक के अंत में अटल बिहारी वाजपेयी की गठबंधन सरकार के दौरान टीडीपी के जीएमसी बालयोगी के अध्यक्ष के कार्यकाल का हवाला भी दिया है. इसके अलावा टीडीपी भी मंत्रिपरिषद में छह सीटों पर दावा कर सकती है. साथ ही आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग भी कर सकती है.
क्या मांग कर सकते हैं नीतीश कुमार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2019 में बीजेपी ने नीतीश के चार कैबिनेट सीटों के दावे को खारिज कर दिया था, लेकिन जेडीयू बिहार में अपनी ताकत फिर से हासिल करने और एनडीए के साथ बने रहने के बदले में कड़ी सौदेबाजी करने का यह मौका नहीं चूकेगा. माना जा रहा है नीतीश इस बार बीजेपी से 4-5 कैबेनिट बर्थ मांग सकते हैं. साथ ही वह बिहार के लिए विशेष दर्जे की डिमांड भी कर रख सकते हैं.
चिराग पासवान भी करेंगे मोलभाव
चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जिसे चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देना आश्वासन दिया गया था. उसे एक राज्य मंत्री पद मिलने की भी उम्मीद है.
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