नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट परीक्षा में गड़बड़ी की जांच का जिम्मा अपनी ही गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन प्रदीप कुमार जोशी को जांच पैनल का अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले, शनिवार को शिक्षा सचिव संजय मूर्ति व एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन की अध्यक्षता में जांच का ऐलान किया था।
जोशी हालांकि यूपीएससी के चेयरमैन रह चुके हैं, लेकिन यह सवाल उठ रहा है कि किसी भी संस्था का मुखिया ही अपनी संस्थान की खामी की जांच के लिए बनी समिति का अध्यक्ष कैसे हो सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर शिक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष पदाधिकारी ने सफाई दी कि जोशी बेशक एनटीए गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन हैं, लेकिन प्रख्यात शिक्षाविद और प्रतियोगी परीक्षा के विशेषज्ञ हैं। ऐसे मेंं उनका चयन उचित है। कमेटी के बाकी तीन सदस्य एनटीए के बाहर से हैं।
ये है जिम्मेदारी
कमेटी को जांच के बाद बताना है कि इन 1,563 छात्रों की फिर से परीक्षा ली जाए या नए फॉर्मूले के आधार पर उन्हें फिर से अंक दिए जाएं और रिवाइज रिजल्ट जारी हो। कोई भी फैसला कमेटी की सिफारिशों की आधार पर लिया जाएगा। कमेटी को 7 दिन का समय दिया गया है।
शिक्षा मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि कमेटी मंगलवार रात तक नीट परीक्षा के मामले में अपनी सिफारिश दे सकती है। बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में नीट-2024 में शामिल हुए छात्रों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई है। एनटीए चाहता है कि बुधवार हाईकोर्ट में दाखिल होने वाले हलफनामे में बताए कि छात्रों की ओर से आई सभी शिकायतों का समाधान कर दिया गया है।
परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर देशभर में प्रदर्शन
नीट यूजी में हुई गड़बड़ी को लेकर दिल्ली, भोपाल, वाराणसी समेत देशभर में हजारों छात्र-छात्राओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि नीट यूजी परीक्षा को निरस्त किया जाए। उधर, दिल्ली में एसएफआई ने 10 जून को सुबह 10 बजे बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है।
NEET UG 2024 को लेकर छात्रों के सवाल
एक ही परीक्षा सेंटर पर 6 टॉपर कैसे
NEET टॉपर्स की मेरिट लिस्ट में 8 छात्रों के रोल नंबर एक ही सीरीज के हैं। सीरियल नंबर 62 से लेकर 69 तक कुल 8 छात्र में से 6 छात्रों ने रैंक-1 हासिल की। इन सभी को 720 में से 720 अंक मिले। इन सभी ने बहादुरगढ़ स्थित एक ही एग्जाम सेंटर पर परीक्षा दी थी।
कैसे 718, 719 नंबर मिले
कई छात्रों को 718, 719 अंक दिए गए। NTA ने कहा था कि उन्हें ये अंक ग्रेस मार्क्स के तौर पर दिए गए हैं। दरअसल, नीट का पेपर 720 अंक का होता है। हर सवाल के चार अंक मिलते हैं। हर गलती के एक अंक कटते हैं। अब ऐसे में यदि कोई सिर्फ एक सवाल छोड़ देता है तो उसे 716 अंक मिलेंगे। यदि कोई सिर्फ एक सवाल गलत करता है तो उसे 715 अंक मिलेंगे। ऐसे में 718, 719 अंक पाना असंभव है।
ग्रेस मार्क्स बिना जानकारी के क्यों लागू हुआ
छात्रों का कहना है कि बिना जानकारी के ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए? छात्र बिना ग्रेस मार्क्स के NEET की ओरिजिनल मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं। छात्रों की मांग ये भी है कि जिन सेंटरों पर ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, उनका नाम बताया जाए।
ग्रेस मार्क्स पाने का आधार क्या
छात्रों का ये भी पूछना है कि ग्रेस मार्क्स पाने का आधार क्या है? कितना समय बर्बाद होने पर कितने नंबर दिए गए?
करीब 24 लाख स्टूडेंट्स ने किया था रजिस्ट्रेशन
इस साल कुल 23.81 लाख स्टूडेंट्स ने एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। पिछले साल 20.87 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया था। हल्द्वानी के कोचिंग इंस्टीट्यूट NEETIIT Academy के डायरेक्टर शुभम राय का कहना है कि एग्जाम के लिए 4 लाख ज्यादा कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन इस रेश्यो में पेपर का डिफिकल्टी लेवल नहीं बढ़ाया गया।
पिछले साल की तुलना में केमिस्ट्री और बायोलॉजी का सेक्शन आसान था। फिजिक्स कठिन था। ऐसे में देश भर से 24 लाख बच्चों में से 20-23 बच्चे 720/720 स्कोर कर ले जाएं, ये संभव है। हालांकि बोनस मार्क्स मिलने की वजह से 44 ज्यादा बच्चों को परफेक्ट स्कोर मिल गया।
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