नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। चुनाव जीतने के बाद से ही उन्हें काफी बधाईयां मिल रही हैं। मोदी उन्हें स्वीकार करते हुए सबका जवाब भी दे रहे हैं। कल प्रधानमंत्री मोदी ने 4 दिन बाद एक बधाई को स्वीकार किया। ये बधाई भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की थी।
ट्रूडो ने 6 जून को मोदी को चुनाव जीतने पर बधाई दी थी। उन्होंने लिखा था- कनाडा दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी की सरकार के साथ काम करने को तैयार है। हम मानवाधिकारों, विविधता और कानून के पालन को लेकर काम करेंगे। मोदी ने कल 4 दिन बाद इसका जवाब दिया।
'कनाडा के साथ काम करने को तैयार'
मोदी ने ट्रूडो के मैसेज का जवाब देते हुए लिखा, "बधाई के लिए ट्रूडो का धन्यवाद। भारत कनाडा के साथ आपसी समझ और एक-दूसरे की चिंताओं की इज्जत करते हुए काम करने को तैयार है।"
दरअसल, भारत लगातार कनाडा में होने वाली भारत विरोधी गतिविधियों पर आपत्ति जताता रहा है। जबकि कनाडा फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन यानी बोलने की आजादी के नाम पर उन पर कार्रवाई नहीं करता है। मोदी ने अपने जवाब के जरिए फिर से ये दोहराने की कोशिश की है कि कनाडा और भारत को रिश्ते सुधारने के लिए एक-दूसरे की चिंताओं को समझना होगा।
ट्रूडो और मोदी के बीच ये बातचीत उस वक्त हुई है जब कुछ दिन पहले ही कनाडा के संसदीय पैनल ने भारत को उसके लिए दूसरा सबसे बड़ा खतरा बताया था।
कनाडा में लगातार खालिस्तानी आतंकी भारत विरोधी रैलियां निकाल रहे थे। भारत के बार-बार इन रैलियों पर आपत्ति जताने के बावजूद कनाडा कोई एक्शन नहीं ले रहा था। इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ने लगे थे। तभी सितंबर 2023 में भारत में G20 समिट हुई। इसके लिए ट्रूडो भी भारत आए। हालांकि, खालिस्तानियों पर विवाद के चलते G20 के लगभग सभी इवेंट्स में वे अलग-थलग दिखाई दिए। यहां तक कि वे G20 के डिनर में भी शामिल नहीं हुए थे। दोनों देशों में ट्रेड को लेकर भी कोई डील नहीं हो पाई थी।
ट्रूडो को समिट खत्म होने के तुरंत बाद वापस कनाडा जाना था। इसके बावजूद वे 2 दिन भारत में फंसे रहे थे। इसकी वजह उनके विमान में आई तकनीकी खराबी थी। इस पर ट्रूडो को भारत ने अपना IAF वन प्लेन ऑफर किया था, लेकिन कनाडा ने इसे स्वीकर करने से इनकार कर दिया।
ट्रूडो के लिए कनाडा से एक दूसरा प्लेन बुलाया गया, लेकिन किसी वजह से उसे बीच रास्ते से डायवर्ट कर दिया गया। वो समय पर भारत नहीं पहुंच पाया। अंत में 36 घंटे बाद खराब प्लेन के ठीक होने के बाद ही ट्रूडो अपने देश लौट पाए थे।
G20 समिट से लौटने के 8 ही दिन बाद ही अपनी संसद में ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप लगा दिया। इससे दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए।
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