सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है। ये याचिका रिजल्ट जारी होने से पहले ही 1 जून को दायर की गई थी। इसमें बिहार और राजस्थान के एग्जाम सेंटर्स पर गलत क्वेश्चन पेपर्स बंटने के चलते हुई गड़बड़ी की शिकायत की गई थी और परीक्षा रद्द कर एसआईटी जांच की मांग की गई थी। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, परीक्षा कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA से कहा- NEET UG की पवित्रता प्रभावित हुई है। हमें इसका जवाब चाहिए। जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वेकेशन बेंच ने मामले की सुनवाई की।
10 जून को भी दायर की गई थी याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट में 10 जून को भी NEET रिजल्ट पर रोक लगाने की याचिका दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने NEET UG एग्जाम 2024 में ग्रेस मार्क्स देने में मनमानी का आरोप लगाया है। एक एग्जाम सेंटर के 67 कैंडिडेट्स को पूरे 720 मिले हैं, इस पर भी याचिकाकर्ताओं ने संदेह जताया है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर नई याचिका में 5 मई को आयोजित NEET UG एग्जाम का पेपर लीक होने की व्यापक शिकायतों का भी हवाला दिया गया है।
तेलंगाना और आंध प्रदेश से दायर हुई याचिका
याचिका में कहा गया था कि रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स देना NTA का मनमाना फैसला है। स्टूडेंट्स को 718 या 719 मार्क्स देने का कोई मैथमेटिकल आधार नहीं है। ये याचिका स्टूडेंट वेलफेयर के लिए काम करने वाले अब्दुल्लाह मोहम्मद फैज और डॉक्टर शेख रोशन ने दायर की थी। ये दोनों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्टूडेंट्स वेलफेयर के लिए काम करते हैं।
20 हजार स्टूडेंट्स ने की है शिकायत
देश भर में NEET-UG 2024 को लेकर अलग-अलग राज्यों में लगभग 20 हजार स्टूडेंट्स ने याचिका दायर की थीं, जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी।
ग्रेस मार्क्स के खिलाफ दायर की गई याचिकायाचिका में कहा गया है कि NTA ने अब तक ये नहीं बताया कि उन्होंने स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स देने के लिए क्या तरीका अपनाया है। वहीं, एग्जाम के पहले NTA की तरफ से जारी की गई इन्फॉर्मेशन बुलेटिन में भी ग्रेस मार्क्स देने के प्रावधान का जिक्र नहीं किया गया था। ऐसे में कुछ कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स देना सही नहीं है।
2015 में कोर्ट के आदेश से रद्द करनी पड़ी थी AIPMT
मेडिकल एंट्रेस के लिए 2015 में एआईपीएमटी परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द हुई थी। सीबीएसई ने कोर्ट में कहा था कि 44 छात्र ही लीक में लिप्त थे। लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को नहीं माना और फिर परीक्षा हुई थी।
NTA ने दिए थे शिकायतकर्ताओं के जवाब
NEET रिजल्ट पर गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद NTA ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिकायतकर्ताओं के सवालों के जवाब दिए थे।
NEET रिजल्ट पर गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद से ही इस पर राजनीति भी शुरू हो गई। कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने 8 जून को लोक सभा को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने NEET 2024 की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।इसके बाद 9 जून को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी एक्स पर लिखा था कि शिक्षा माफियाओं से निपटना बेहद जरूरी है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
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