प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी सरकार के मंत्रियों के विभागों की तस्वीर सोमवार शाम साफ हो गई। गठबंधन सरकार होने के बावजूद ‘पावर’ भाजपा के ही पास है। रक्षा, गृह, वित्त, विदेश, रेलवे, स्वास्थ्य और सड़क परिवहन जैसे अहम 10 विभाग अपने पास रखे हैं। राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण को फिर से क्रमश: रक्षा, गृह व वित्त मंत्रालय दिया गया है। एस जयशंकर को फिर से विदेश, पीयूष गोयल को वाणिज्य और धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्रालय मिला है। अश्विनी वैष्णव को रेलवे-IT के साथ सूचना प्रसारण मंत्रालय मिला है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को स्वास्थ्य-उर्वरक-रसायन, मप्र के पूर्व CM शिवराज सिंह को कृषि व ग्रामीण विकास, हरियाणा के पूर्व CM खट्टर को ऊर्जा व शहरी विकास मंत्रालय मिले हैं। गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल को जलशक्ति मंत्रालय मिला। प्रधानमंत्री ने सोमवार को अपनी सरकार के पहले दिन दो बड़े काम किए। पहला- किसान सम्मान निधि की की 17वीं किश्त की फाइल पर साइन किया। दूसरा- शाम को कैबिनेट की पहली बैठक की। इसमें गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाए जाने का निर्णय लिया गया।
10 चेहरों पर बड़ी जिम्मेदारी
1. राजनाथ सिंह: रक्षा मंत्री
चुनौती: सेना में अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी नीतीश कुमार को मनाने की चुनौती होगी। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य आगे ले जाने का जिम्मा।
2. एस जयशंकर: विदेश मंत्री
चुनौती: चीन से सीमा विवाद सुलझाना। रूस-यूक्रेन और इजराइल-गाजा युद्ध के बीच अन्य देशों से बेहतर संबंध बनाए रखना चुनौती होगी। विदेश में खालिस्तान समर्थकों की हत्या पर अमेरिका, कनाडा और पाकिस्तान के आरोपों से निपटना होगा।
3. अमित शाह: गृह एवं सहकारिता
चुनौती: जम्मू-कश्मीर में शांति पूर्ण चुनाव करवाना। आए दिन आतंकी हमलों से निपटना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा मणिपुर में पिछले 1 साल से जारी हिंसा से निपटना भी प्राथमिकता होगी।
4. निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्रालय
चुनौती: 5 वर्ष में तीसरी इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए महंगाई काबू रखना। GST दरों का री-स्ट्रक्चर व कैपिटल गेन टैक्स जैसे डायरेक्ट टैक्स सुधारों पर काम करना।
5. अश्विनी वैष्णव: रेलवे समेत तीन विभाग
चुनौती: अश्विनी वैष्णव के पास रेल, सूचना प्रसारण और IT मंत्रालय है। उन्हें डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण व डिजिटल इंडिया अधिनियम के लिए कानून लाना है।
6. शिवराज सिंह चौहान: कृषि, ग्रामीण विकास मंत्री
चुनौती: कृषि इकोनॉमी पुनर्जीवित करना। एमएसपी पर सहमति, किसानों की आय दोगुनी करना। पंजाब-हरियाणा सीमा पर डटे किसानों का आंदोलन खत्म कराना सबसे बड़ी चुनौती हैं।
7. ज्योतिरादित्य सिंधिया: दूरसंचार मंत्रालय
चुनौती: इस महीने के अंत में 96 हजार करोड़ रु. से अधिक मूल्य के 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पूरा करना। सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी लेना प्राथमिकता होगी।
8. मनोहरलाल खट्टर: ऊर्जा, शहरी मामले
चुनौती: 3 करोड़ आवास व 1 करोड़ घरों में सोलर बिजली का लक्ष्य। मई में बिजली की मांग 250 गीगावाट के सर्वकालिक स्तर पर रही। बिजली व कोयला आपूर्ति के मुद्दों से निपटना।
9. जेपी नड्डा: स्वास्थ्य मंत्रालय
चुनौती: नड्डा के सामने देश के प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को दुरुस्त करना और आयुष्मान भारत स्कीम को आखिरी आदमी तक पहुंचाने की चुनौती है। भाजपा के संकल्प पत्र में 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को आयुष्मान भारत स्कीम में शामिल करना होगा।
10. जी किशन रेड्डी: कोयला और खान
चुनौती: मोदी 3.0 में कोयला और खान मंत्री बनाया गया है। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती पावर प्लांट में कोयले की सप्लाई सुनिश्चित करना होगी। इसके अलावा कोयला की अवैध माइनिंग को रोकना भी सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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