बीजेपी-IT सेल हेड अमित मालवीय पर कांग्रेस ने महिलाओं के यौन शोषण के आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने RSS सदस्य सांतनु सिन्हा की फेसबुक पोस्ट को आधार बनाया था। इस पर अमित मालवीय ने सांतनु को 10 करोड़ का मानहानि का नोटिस भेजा था और पोस्ट डिलीट करने के साथ बिना शर्त माफी मांगने को कहा था।
आज मंगलवार (11 जून) को सांतनु ने अमित मालवीय से जुड़ी पोस्ट के लिए बिना शर्त माफी मांगी। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- मुझे इस बात से बहुत दुख है कि देश की सबसे घटिया और भ्रष्ट राजनीतिक पार्टी कांग्रेस अमित मालवीय और भाजपा के खिलाफ नफरत का अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं कि इस पोस्ट का उद्देश्य मालवीय को बदनाम करना नहीं था, बल्कि यह एक चेतावनी थी कि वे हनी ट्रैप में न फंसें, जिसे सबसे पहले बीजेपी के पूर्व स्टेट प्रेसिडेंट तथागत रॉय ने उजागर किया था।
सांतनु ने कहा कि अगर मेरी पोस्ट से मालवीय को ठेस पहुंची है और मेरी पार्टी की छवि खराब हुई है तो मैं इसके लिए दिल से दुख व्यक्त करता हूं। हालांकि, सिन्हा ने विवादित पोस्ट को हटाने से इनकार किया है।
कांग्रेस ने अमित पर महिलाओं से यौन शोषण के आरोप लगाए थे
दरअसल, कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने 10 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि RSS सदस्य सांतनु सिन्हा ने अमित मालवीय पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। सांतनु के मुताबिक, अमित महिलाओं को 5 स्टार होटल ले जाते हैं और उनका शोषण करते हैं।
यही नहीं, अमित ने बंगाल में बीजेपी ऑफिस में भी महिलाओं का यौन शोषण किया। सांतनु बंगाल में भाजपा के पदाधिकारी राहुल सिन्हा के रिश्तेदार हैं। हम भाजपा से बंगाल में महिलाओं के लिए न्याय की मांग करते हैं; चाहे वह हाथरस हो, लखीमपुर हो, हमारे सबसे सम्मानित एथलीट हों या बिलकिस बानो हों, प्रधानमंत्री ने लगातार अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दिया है।
अब समय आ गया है कि आप महिलाओं के साथ खड़े हों। आप भारत की बेटी के साथ खड़े हों और जब तक आप उनकी दुर्दशा का जवाब नहीं देते, तब तक आपको सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
अपराधियों को भाजपा नेताओं का संरक्षण
सुप्रिया ने आगे कहा था कि अगर आपको आईआईटी-बीएचयू गैंगरेप याद हो और इसमें शामिल तीन लोग - सक्षम पटेल, कुणाल पांडेर और आनंद चौहान, सभी पीएम मोदी सहित भाजपा के बड़े नेताओं के बेहद करीबी हैं।
यह एक पैटर्न है, चाहे वह कुलदीप सिंह सेंगर हो, चिन्मयानंद हो, बृजभूषण हो या अंकिता भंडारी के हत्यारे हों, वे सभी नरेंद्र मोदी द्वारा संरक्षित भाजपा नेता हैं। हम केवल यही उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री 63 सीटों पर मिली हार से कुछ सबक सीखेंगे। वे विनम्रता सीखेंगे और वे सीखेंगे कि वे लगातार उन लोगों के साथ खड़े नहीं हो सकते जो महिलाओं का शोषण करते हैं।
हमें उम्मीद है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की नई मंत्री महिलाओं की दुर्दशा को देखकर मूकदर्शक नहीं बनेंगी। हमें उम्मीद है कि NCW अपनी आवाज, विवेक और नैतिकता को पहचानेगी और इस मामले का स्वतः संज्ञान लेगी। न्याय तभी हो सकता है जब इस आदमी को उसके अधिकार से हटा दिया जाए।
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