सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देशभर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) से जुड़े परिवारों की केवाईसी का काम शुरू हो गया। इसके चलते प्रदेश में कई राशन डीलरों ने अभी तक राशन का गेंहू बांटना शुरू कर नहीं किया है। केवाईसी जिन राशन डीलरों के यहां पूरी हो गई है वहां गेंहू वितरण शुरू हो गया, जबकि जहां पूरा नहीं हुआ है वहां अभी केवाईसी का काम चल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी सबसे ज्यादा केवाईसी कोटा जिले में हुई है, जबकि सबसे कम बाड़मेर जिले में।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में लगी रिट पिटीशन पर मार्च में आदेश देते हुए सभी राज्यों को कोर्ट ने 15 जुलाई तक केवाईसी का काम पूरा करके शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। सूत्रों के मुताबिक इस पिटीशन में कहा गया था कि कई ऐसे परिवार या सदस्य है जिनकी कोरोना में मृत्यु हो गई और उनका रिकॉर्ड या नाम अब तक इस सूची में शामिल है। इस कारण नए नाम इस सूची में जुड़ नहीं पा रहे।
अब तक 37 फीसदी की केवाईसी
खाद्य विभाग से मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक 1.07 करोड़ परिवार के 4.36 करोड़ लोग (यूनिट्स) है, जिनका नाम एनएफएसए की सूची में जुड़ा है। इनमें से करीब 37 फीसदी यूनिट्स (करीब 1.61 करोड़ लोगों) की केवाआईसी पूरी हो चुकी है। जिलेवार रिपोर्ट देखे तो कोटा में 61.25 फीसदी, जबकि बाड़मेर में सबसे कम 20.04 फीसदी लोगों की ही केवाईसी हुई है।
6 जिलों में 50 फीसदी के नाम जुड़े
राज्य के 33 में से 6 जिले ऐसे है जिनमें 50 फीसदी लोगों की केवाईसी का काम पूरा हो गया है। इसमें कोटा के अलावा प्रतापगढ़, चूरू, बूंदी और झालावाड़ जिला शामिल है। वहीं 8 जिले ऐसे है जिनमें 30 फीसदी से भी कम लोगों की केवाईसी पूरी हुई है। इस सूची में बाड़मेर के अलावा अलवर, बारां, जोधपुर, जैसलमेर, सीकर, उदयपुर और राजसमंद का नाम शामिल है।
10 लाख लोगों के नाम जोड़े थे गहलोत सरकार ने
कोविड के बाद राजस्थान में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने इस सूची में 10 लाख नए लोगों के नाम जोड़े थे। इसके लिए अप्रैल 2022 से आवेदन लेने शुरू किए थे और उन्हें मार्च 2023 तक जोड़ने का काम किया था। हालांकि उस समय राज्य सरकार ने एनएफएसए के लिए निर्धारित कोटा खाली होने पर नए नाम शामिल करने के लिए आवेदन लिए थे।
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