पिता की दरिंदगी की शिकार 3 बेटियों की दर्दनाक कहानी , स्कूल ने निकाला 2.39 लाख रुपए बकाया, डॉक्युमेंट रोके, आर्थिक तंगी से छोड़नी पड़ी पढ़ाई

जयपुर में एक पिता की दरिंदगी का शिकार हुईं तीन बेटियां आज भी दंश को झेल रही हैं। पॉक्सो कोर्ट ने पिता को 3 साल पहले उसके कुकर्मों की 20 साल की सजा दे दी। इसके बाद घर की हालत बिगड़ गई। बच्चियां जिस स्कूल में पढ़ती हैं, वहां का 2 लाख 39 हजार रुपए फीस बकाया है।

आर्थिक तंगी के चलते एक पीड़ित बेटी को तो 12वीं के बाद पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ गई है। लोगों के कपड़े सिलाई कर बच्चों का पेट पाल रही मां अब बेटियों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहती है। बिना पूरी फीस जमा कराए स्कूल मार्कशीट और ट्रांसफर सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है।

लाचार मां शिक्षा संकुल से लेकर कई विभागों में मदद की गुहार लगा चुकी है। स्कूल दो बच्चियों के दस्तावेज नहीं दे रहा है। ससुराल, परिवार और समाज से लड़ने के बाद भी उसका संघर्ष जारी है।

पढ़िए- एक पिता की दरिंदगी की पूरी कहानी एक बेबस मां की जुबानी…

पीड़ित बच्चियों की 41 साल की मां मंजू देवी (बदला हुआ नाम, पॉक्सो मामले के कारण पीड़ित बच्चियों और उनके परिवार से जुड़ी हर पहचान को छिपाया जा रहा है।) से हमारी मुलाकात पॉक्सो मामलों में मदद करने वाले जयपुर के एक एनजीओ के दफ्तर में हुई। मंजू देवी ने अपनी पति की दरिंदगी की वो कहानी सुनाई, जिससे कोई भी सिहर उठे।

मंजू देवी ने जैसे ही उस दर्दनाक पहलू को बताना शुरू किया, आखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने बताया- मेरी शादी 2003 में हुई थी। शादी के बाद चार बच्चे हुए। 3 बेटियां निशा, रिया, रानी और एक सबसे छोटा बेटा इशान। मेरे पति ने मेरी तीनों बेटियों को अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया।

बेटी बताती- मां पेट में दर्द है, पापा गंदा काम करते हैं, मैं चुप करा देती
वर्ष 2019 की बात है। मुझे महीना याद नहीं। बड़ी बेटी निशा तब 14 साल की थी। एक दिन मेरे पास आकर रोते हुए बोली कि पापा ने उसके साथ रात को गलत काम किया। पेट में दर्द हो रहा है। मां ने पति के बारे में ऐसी बात सुनकर बिल्कुल भी भरोसा नहीं किया। बल्कि बड़ी बेटी को धमका दिया कि सोच-समझकर बोल, क्या बोल रही है। वो तुम्हारा बाप है।

बड़ी बेटी मायूस होकर चुपचाप चली गई। मेरी इसी गलती से पति की हिम्मत बढ़ गई। तीन महीने तक जब भी उसे मौका मिलता बड़ी बेटी के साथ रेप करता रहा। तीन महीने बाद फिर से बड़ी बेटी ने डरते हुए बोला कि पापा उसके साथ गंदी हरकतें करते हैं। मुझे तब भी यकीन नहीं हुआ कि भला एक बाप अपनी बेटियों के साथ ऐसी दरिंदगी करेगा?

करीब एक साल तक बड़ी बेटी के साथ कभी रात तो कभी दिन में वो रेप करने लगा। अब बड़ी बेटी डर से किसी को कुछ नहीं बोलती थी। शायद वह टूट चुकी थी और हर किसी से उसका भरोसा उठ चुका था।

बड़ी बेटी से दो साल छोटी बेटी से रेप
छोटी बेटी रिया (12) तब बड़ी बहन निशा से करीब 2 साल छोटी थी। तब वह छठी कक्षा में पढ़ती थी। मैं घर से बाहर काम करने गई थी। लौटकर आई तो देखा कि वह बेहोश और बदहवास पड़ी है। मैं उसे हॉस्पिटल लेकर गई। मेरी बच्ची को करीब 6 दिन बाद होश आया। होश में आने के बाद उसने बताया कि मां बड़ी दीदी झूठ नहीं बोल रही। दीदी के साथ पापा गंदा काम करते हैं। पापा ने मेरे साथ भी गंदा काम किया है। पापा ने फिर गंदा काम किया तो दर्द होने लगा। ऐसे में उसने दवाई पी ली थी, जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई थी।

अब मंजू को पति की करतूतों को लेकर यकीन हो गया था। मंजू ने पति से जब इस बारे में पूछा तो दोनों में काफी झगड़ा हुआ। पति ने उसे समझाया कि बच्चियों को कुछ गलतफहमी हुई है। वह तो रात को आराम से सो रहा था। उस दिन परिवार में भी इस बात को लेकर काफी हंगामा हुआ। किसी ने मंजू का साथ नहीं दिया। पति ने उसके साथ मारपीट भी की। किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। बल्कि उसे ही मारने-पीटने लगे।

जेठानी बोली- क्या हुआ पति ने ही किया है, पेट में बात छुपा लो
दोनों बच्चियों के साथ गलत काम होने पर लाचार मां ने अपनी जेठानी से बात की। उसे पूरी बात बताई कि कैसे उसका पति बेटियों के साथ गंदी हरकतें कर रहा है। उनके साथ रेप करता है। ये बात सुनकर जेठानी ने साथ देने की बजाय चुप रहने को कहा। बोली- किसी को कुछ मत बोलना। तेरे पति ने ही किया है किसी और ने नहीं किया है। इज्जत प्यारी है तो इस बात को अपने पेट में छुपा लो।

तीसरी बेटी से भी गंदी हरकत, तोड़ दीं सारी सीमाएं
मंजू बताती है कि वह अब रात को चौकन्ना होकर सोने लगी थी। उसे पति पर भरोसा नहीं रहा था। दोनों बेटियों के साथ कई बार रेप कर चुका था। उन दोनों को अपने साथ ही अलग सुलाती थी। एक रात अचानक मेरी आंख खुली। देखती हूं कि पति मेरी सबसे छोटी 10 साल की बेटी रानी के पैरों के पास बैठा है। उसे गंदे तरीके से छू रहा था। गलत काम करने की सोच रहा था। तभी मैंने धमकाते हुए पूछा यहां क्या कर रहे हो? उसे बच्ची से दूर हटाया। तब दोनों में काफी बहस भी हुई।

मंजू देवी ने बताया कि इस घटना के अगले दिन मैं मायके चली गई। अपने भाई को पूरी बात बताई। इसके बाद उन्होंने ट्रांसपोर्ट नगर थाने में बच्चियों के साथ रेप का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने तत्काल जांच करते हुए आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने दोनों बच्चियों के साथ रेप कर अपना गुनाह भी कबूल कर लिया था। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था।

बेटियों की गवाही से हुई सजा
मंजू देवी ने कहा कि मैं अपनी बेटियों के साथ डटकर खड़ी थी। बच्चियों ने जज के सामने अपने पिता के खिलाफ गवाही दी। दोनों बच्चियों से पिता के ही रेप करने पर और तीसरी बच्ची से छेड़छाड़ को कोर्ट ने काफी गंभीर माना। बयानों और जांच के आधार पर कोर्ट ने पिता को 20 साल की सजा सुनाई थी।

सिलाई करके गुजारा, बेटियों को पढ़ाया
मंजू ने बताया- 2019 में पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था। उससे पहले मैं घर पर सिलाई का काम कर अपनी बच्चियों की फीस भर रही थी। ससुराल वालों को मेरा यह काम पसंद नहीं था। विरोध होने के कारण कुछ दिन सिलाई का भी काम बंद कर दिया था। पति को जेल होने के बाद मेरे सामने आर्थिक संकट आ गया। इसलिए फिर से कपड़े सिलने शुरू कर दिए। मेरा पूरा ससुराल मेरे खिलाफ खड़ा हो गया था। घर में आए दिन झगड़ा करते थे। इसके बाद मैंने बुटिक में काम शुरू किया। वहां से 12 हजार रुपए मिलते हैं। इन्हीं रुपयों से तीनों बच्चियों और एक बेटे को पढ़ा रही हूं।

 

स्कूल बना रहे फीस चुकाने का दबाव

मंजू देवी ने बताया कि उसकी तीनों बेटी और बेटा गोनेर रोड स्कूल में पढ़ रहे थे। पति को जेल होने के बाद से ही उनकी फीस मैं भर नहीं सकी। घर में आर्थिक तंगी को देखते हुए बड़ी बेटी ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद स्कूल छोड़ दिया था। तब भी स्कूल ने फीस का दबाव बनाया था। मेरी बेटी के सारे सर्टिफिकेट रख लिए थे। तब बाहर से मदद लेकर बड़ी बेटी की फीस जमा करवाई तब जाकर डॉक्युमेंट मिले थे।

अब स्कूल ने सभी बच्चों के 2 लाख 39 हजार रुपए फीस बकाया निकाल रखा है। वह 12 हजार रुपए कमाती है। इसमें वह इतनी फीस कहां से जमा करे। सबसे छोटी बेटी 10वीं कक्षा पास कर चुकी है, दूसरे नंबर की बच्ची 12वीं कक्षा में आ गई है।

मंजू ने बताया कि दोनों का सरकारी स्कूल में एडमिशन कराना चाहती हूं। प्राइवेट में पढ़ाने के लिए रुपए नहीं हैं। स्कूल ने 8वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के सारे डॉक्युमेंट्स अपने पास ही रखे हुए हैं। स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट के साथ अन्य दस्तावेज भी नहीं दे रहा है।

स्कूल के डायरेक्टर विक्रम सिंह से भी मिलकर बात की थी। उन्होंने उसे फीस में कुछ छूट देने की भी बात कही थी। स्कूल प्रिंसिपल से भी मिल चुकी हूं। उन्होंने शिक्षा संकुल में भी बात की थी। लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली है। स्कूल की ओर से अभी भी फीस जमा कराने का दबाव बढ़ता जा रहा है। डॉक्युमेंट नहीं मिले तो बच्चियों की आगे की पढ़ाई रुक जाएगी। उनका जीवन बेकार हो जाएगा। वे किसी भी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। उनकी पढ़ाई के कोई मायने नहीं रहेंगे।

सामाजिक बहिष्कार तक झेला
मंजू देवी ने बताया कि बेटियों के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ी। आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाया। यह लड़ाई इतनी आसान नहीं थी। शर्मिंदगी के साथ-साथ सामाजिक बहिष्कार तक झेलना पड़ा। कोई मुझे पड़ोस से शादी या किसी प्रोग्राम का निमंत्रण भी नहीं देता है। अगर कोई देने आता है ताे ससुराल के लोग उसे मना कर देते हैं। कोई बात भी नहीं करता है। मेरे जेठ और ननद सरकारी नौकरी में हैं। मदद करना तो दूर कोई बात तक नहीं करता।

फंड इकट्ठा कर चुकाई थी 60 हजार रुपए की फीस
सामाजिक कार्यकर्ता व एनजीओ स्नेह आंगन के विजय गोयल ने बताया- पीड़िता की बड़ी बेटी ने 12वीं पास की थी। तब भी स्कूल ने डॉक्युमेंट नहीं दिए थे। तब उन्होंने 60 हजार रुपए का फंड इकट्ठा कर चुकाया था। यहां गौर करने वाली बात है कि अपने पिता की दरिंदगी की शिकार एक बच्ची सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रही है। बिना डॉक्युमेंट इनकी आगे की पढ़ाई भी नहीं हो सकती है। जिस रेप केस में परिवार का ही आदमी दोषी है, ऐसे केस में सरकार को मदद करनी चाहिए। पॉक्सो केस में स्पेशल सुनवाई होनी चाहिए, ताकि कोर्ट के जरिए ही बच्चियों की पढ़ाई के दरवाजे खुलें। विजय गोयल ने बताया कि शिक्षा विभाग और सरकार को एनजीओ की ओर से पत्र लिखकर फीस माफ कराने की गुजारिश करेंगे।

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