फार्मासिस्ट के 2859 पदों पर भर्ती में कई अभ्यर्थी फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी लेने की फिराक में हैं। आवेदन और उनके साथ अटैच डॉक्युमेंट्स की जब जांच की गई तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कई अभ्यर्थियों ने मध्यप्रदेश, झारखंड, मेघालय, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी की बी.फार्मा की फर्जी डिग्री लगा रखी थी। बताया जा रहा है कि अब तक ऐसे 136 अभ्यर्थी सामने आए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जब इन अभ्यर्थियों के डॉक्युमेंट यूपी की वीर बहादुर पूर्वांचल यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश की आईईसी यूनिवर्सिटी, रांची (झारखंड) की वाईबीएन यूनिवर्सिटी और मेघालय की विलियम कैरी यूनिवर्सिटी में भेजे गए तो वहां इनके रिकॉर्ड नहीं मिले। इन सभी की मार्कशीट सत्यापित नहीं पाई गई। अलग-अलग राज्यों की करीब 10 यूनिवर्सिटी को दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए भेजे थे।
10वीं-12वीं की मार्कशीट की भी जांच करने की सिफारिश
स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई दस्तावेज की जांच में एक अभ्यर्थी के अंक बढ़ाकर फर्जी मार्कशीट पेश करने का भी मामला सामने आया है। एक अभ्यर्थी ने हिमाचल प्रदेश की यूनिवर्सिटी की मार्कशीट पेश की, लेकिन यूनिवर्सिटी से जब जांच करवाई गई तो पता चला कि यूनिवर्सिटी में अभ्यर्थी का नाम ही रजिस्टर्ड नहीं है। इतनी बड़ी संख्या में केस आने पर अब जांच कमेटी ने फार्मासिस्ट भर्ती में आवेदकों की 10वीं और 12वीं की मार्कशीट की भी जांच करवाने की सिफारिश की है।
मई 2023 में निकाली थी भर्ती
राज्य में मई 2023 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। 2895 पदों पर प्रस्तावित इस भर्ती में एग्जाम न लेकर सीधे डॉक्युमेंट और अनुभव के आधार पर भर्ती की जानी है। 5,103 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इन आवेदनों की जांच करने के बाद डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की गई, जो वर्तमान में जारी है। डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के बाद इनकी मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी और योग्य अभ्यर्थियों को जॉइनिंग दी जाएगी। भर्ती प्रक्रिया नोडल एजेंसी शिफू की ओर से की जा रही है।
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