कई वर्षों से चली आ रही दूसरे राज्यों से बिजली की लेन-देन (बैंकिंग) अब राजस्थान सरकार नहीं करेगी। अप्रैल, मई, जून, जुलाई के भीषण गर्मी वाले महीनों में लगभग 22,400 लाख यूनिट बिजली जो दूसरे राज्यों को लौटानी पड़ती थी वो नहीं लौटानी पड़ेगी। दरअसल, प्रदेश में सर्दियों में रबी फसल के लिए बिजली की अतिरिक्त जरूरत होती है।
ऐसे में आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, यूपी से अक्टूबर से फरवरी के बीच बिजली ली जाती थी। इसे मार्च से सितम्बर के बीच लौटाना होता है। प्रदेश में 18000 मेगावाट उत्पादन बढ़ाने के लिए एमओयू, कॉन्ट्रेक्ट किए हैं। 3 थर्मल प्लांट कोटा, झालावाड़, बारां में लगेंगे।
"बिजली संकट से निपटने हम खुद बिजली प्रोडयूज करेंगे। राज्यों से बिजली की बैंकिंग (लेन-देन) अब राजस्थान में नहीं किया जाएगा।"
-हीरालाल नागर, ऊर्जा मंत्री, राजस्थान
पीक गर्मी में 3700 लाख यूनिट तक डिमांड
इस साल मई में प्रदेश में रोज की बिजली की डिमांड 3700 लाख यूनिट पर पहुंच गई। 200 से 300 लाख यूनिट की रोजाना की अतिरिक्त जरूरत पड़ी।
लेन-देन का गणित
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