जयपुर नगर निगम ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर ने स्कूलों में स्वच्छता का एक पीरियड जोड़ने की मांग की है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को ज्ञापन के जरिए कहा कि नए शैक्षणिक सत्र से कक्षा 1 से 5 तक इसे लागू किया जाए। ताकि बच्चे बचपन से ही स्वच्छता का महत्व समझ सकें। हालांकि प्रदेश के स्कूलों में NCERT का कोर्स पढ़ाया जा रहा है।
दरअसल, मेयर बीते दिनों वर्ल्ड सिटी समित 2024 में शामिल होने के लिए सिंगापुर गई थी। वहां की स्वच्छता देखकर राजस्थान को भी सिंगापुर की तरह स्वच्छ रखने के लिए पहल की।
बचपन से स्वच्छता की सीख देना जरूरी
मेयर ने बताया कि सिंगापुर जाकर वहां के स्थानीय लोगों से भी बात की थी। वहां स्कूल से ही बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है। वहां स्वच्छता की सीख एक जन्म घुट्टी के रूप में दे दी जाती है। सिंगापुर के लोग सोचते भी नहीं है कि कचरे को कभी बाहर फेंके। मेयर ने कहा कि ऐसे में जब राजस्थान में भी बच्चे स्वच्छता को आत्मसात करेंगे, तो वह अपने बड़ों को भी कचरा फैलाने से रोकेंगे।
मेयर ने कहा- स्वच्छता का पाठ यदि बचपन में ही पढ़ लिया जाए। तो स्वच्छता आदत और व्यवहार में शामिल हो जाती है। जिसके माध्यम से अपने शहर, गांव, प्रदेश और देश को स्वच्छ बनाए रखा जा सकता है। इसलिए अब छात्रों को स्वच्छता क्या होती है, स्वच्छता के क्या प्रकार होते हैं, स्वच्छता कैसे रखी जाती है, उसके लिए क्या प्रयत्न किए जाते हैं, ये सीख बचपन में ही स्कूली कक्षाओं में देने की जरुरत है।
पाठ्यक्रम में बच्चों को स्वच्छता की दें जानकारी
मेयर ने शिक्षा मंत्री को दिए ज्ञापन में स्कूली पाठ्यक्रम में छात्रों को स्वच्छ क्षेत्र और अस्वच्छ क्षेत्र में अंतर, कचरे के प्रकार, कचरा कहां डाला जाए, कचरे को नहीं जलाने जैसे बेसिक कॉन्सेप्ट्स को चित्रों के माध्यम से पढ़ाना और कक्षा के स्तर के अनुसार स्वच्छता के कॉम्पोनेंट्स को शामिल करने को लेकर सुझाव दिया गया है। जिस पर शिक्षामंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए अधिकारियों से चर्चा के बाद फैसला लेने की बात कही है।
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