Nsg Commando Training: हैदराबादः अयोध्या में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड एनएसजी कमांडो का ट्रेनिंग हब (ayodhya nsg commando traing hub) बनाने का सरकार ने फैसला लिया है. एनएसजी के ये वो बेहतरीन कमांडो हैं जो देश को हर खतरे से बचाने के लिए हर पल तत्पर रहते हैं. इन जवानों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार से लेकर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में अपने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया था. इन कमांडों से आतंकी भी थर्र-थर्र कांपते हैं. चलिए जानते हैं इनकी ट्रेनिंग से लेकर कारनामों के बारे में.
22 सितंबर, 1986 को हुआ था गठन
एनएसजी के गठन की जरूरत ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान पड़ी. गठन 22 सितंबर, 1986 को इसका गठन किया गया. इसमें देश के उन अदम्य साहसी और वीर सैनिकों को रखा गया जो देश के लिए हर पल कुछ करने का जज्बा रखते हैं. यह सिलसिला तबसे अनवरत जारी है.
ये ऑपरेशन सफलतापूर्वक दिए अंजाम
NSG में कमांडों की सीधी भर्ती नहीं होती है
एनसीजी में कभी भी सीधी भर्ती नहीं होती है. इसमें शामिल होने के लिए पहली शर्त ही यही है कि सेना या फिर किसी पैरामिलिट्री फोर्स में दस साल तक नौकरी की हो. इसमें शामिल होने के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित की गई है. एनएसजी कमांडो में 53 प्रतिशत भारतीय सेना और अन्य कमांडो सीआरपीएफ, आरएएस, आइटीबीपी और बीएसएफ से चुने जाते हैं. एनएसजी इनका चयन करती है. इसके बाद आता ट्रेनिंग का नंबर.
90 दिनों तक चलती खतरनाक ट्रेनिंग
चयन के बाद जब सेना के जवान यहां ट्रेनिंग के लिए आते हैं तो वह केवल 20 से 30 फीसदी ही फिट माने जाते हैं. इसके बाद इन जवानों का कड़ा प्रशिक्षण शुरू होता है. हर दिन जवानों को बेहद सख्त ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. ये ट्रेनिंग दुनिया की पांच सबसे बेहतरीन ट्रेनिंग में मानी जाती है. ये ट्रेनिंग इतनी सख्त होती है कि इसे मौत से सामना जैसा माना जाता है. शायद यही वजह है कि देश को बेहतरीन कमांडो मिल पाते हैं.
Nsg Commando Training में ये सीखते
ये है एनएसजी का सूत्र वाक्य
'सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा' और 'नेवर से गिव अप' इन दोनों सूत्र वाक्यों का पालन एनएसजी करती है. शायद यही वजह है कि इस दस्ते के जवान देश को हर संकट से निकाल लेते हैं.
राष्ट्रपति और पीएम भी बिना इजाजत नहीं करते मूव
एनएसजी के पास राष्ट्रपति और पीएम समेत देश के ज्यादातर वीवीआईपी का सुरक्षा का जिम्मा रहता है. जेड श्रेणी सुरक्षा प्राप्त वीवीआईपी की सुरक्षा में भी यह तैनात रहते हैं. अगर एनएसजी कमांडो को राष्ट्रपति और पीएम के किसी कार्यक्रम में हमले की आशंका है तो यह इन वीवीआईपी के मूवमेंट को रोक सकते हैं. इनकी इजाजत के बाद ही राष्ट्रपति और पीएम मूव करते हैं.
कितनी मिलती है सैलरी
एनएसजी कमांडो को सैलरी के रूप में 84,000 से लेकर 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह तक मिलता है. इनकी एवरेज सैलरी प्रतिमाह लगभग 1.5 लाख रुपए है. इसके अलावा इन्हें अन्य कई सुविधाएं और भत्ते दिए जाते हैं. ऑपरेशन ड्यूटी के दौरान ऑफीसर्स को 27,800 रुपए सालाना और नॉन आपरेशनल ड्यूटी पर 21225 रुपए का भत्ता भी मिलता है.
ये हैं भारत के सबसे खतरनाक कमांडो
एनएसजी कमांडो का नाम तो ज्यादातर देशवासी जानते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि भारत के कौन से कमांडो दुनिया में सबसे खतरनाक माने जाते हैं. ये कमांडो है मार्कोस. ये दुनिया के पांचवें नंबर के सबसे खतरनाक कमांडो है. मार्कोस को भारतीय नौसेना तैयार करती है. इनकी ट्रेनिंग इतनी घातक होती है कि दस हजार सैनिकों में एक ही मार्कोस कमांडो निकल पाता है. ये जल, जमीन और हवा में लड़ने के साथ घातक हथियारों से लैस होते हैं. मुंबई आतंकी हमले समेत कई हमलों में इन कमांडो का अदम्य साहस सामने आया था. ये कमांडो हेलीकॉप्टर, शिप चलाने से लेकर हर वाहन चला सकते हैं.
NSG का देश में छठवा हब अयोध्या
26/11 हमले के बाद देश में बढ़ते आतंकी खतरों के मद्देनजर महत्वपूर्ण शहरों और जिलों में एनएसजी हब खोलने का फैसला लिया गया था. इस कड़ी में अभी चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और अहमदाबाद में एनएसजी का हब खोला गया था. अब गृह मंत्रालय ने अयोध्या की सुरक्षा को अभेद्द करने के उद्देश्य से एनएसजी हब खोलने का फैसला किया है. यह देश का छठा ट्रेनिंग हब होगा. जल्द ही एनएसजी पठानकोट और केरल में भी अपनी यूनिट बनाएगा.
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