क्या कोहली को नंबर-3 पर लौटना चाहिए ओपनिंग में लगातार हुए फेल, तीसरे नंबर पर वर्ल्ड कप में बना चुके 1141 रन

1, 4 और 0...ये विराट कोहली के टी-20 वर्ल्ड कप 2024 के 3 स्कोर हैं। टूर्नामेंट इतिहास में विराट ने इनसे पहले 27 पारियां खेलीं, सभी में नंबर-3 पर उतरे और कभी भी 5 रन के अंदर आउट नहीं हुए, लेकिन जैसे ही उन्होंने ओपनिंग करनी शुरू की, 5 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सके।

ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि कहीं टीम इंडिया कोहली का विकेट आसानी से तो नहीं गंवा दे रही? क्या उन्हें ओपनिंग छोड़कर नंबर-3 पर लौटना चाहिए? अगर कोहली नीचे आए तो ओपनिंग कौन करेगा? जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब...

10 साल में महज 2 बार हुए थे फेल
टी-20 वर्ल्ड कप के टॉप रन स्कोरर विराट कोहली का टूर्नामेंट इतिहास में इतना बुरा दौर कभी नहीं रहा। उन्होंने 9वें टी-20 वर्ल्ड कप से पहले 27 मैच में 14 फिफ्टी लगाई, 8 बार 10 से 40 रन के बीच स्कोर बनाए और 2 बार उनकी बैटिंग नहीं आई।

महज 3 पारियों में कोहली का स्कोर 10 रन से कम रहा, इसमें भी एक बार वह 2 रन बनाकर नॉटआउट रहे और टीम को जीत मिल गई। यानी इस टूर्नामेंट में वे 10 साल में महज 2 बार फेल हुए थे। 2012 में वह साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 रन और 9 साल बाद 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 9 रन ही बना सके थे।

टी-20 वर्ल्ड कप में बनाया पहला डक
टूर्नामेंट इतिहास के सबसे कंसिस्टेंट बैटर विराट कोहली ने 2022 तक नंबर-3 पर ही बैटिंग की। हर बार सफल रहे, लेकिन 2024 में वह आयरलैंड के खिलाफ एक और पाकिस्तान के खिलाफ 4 रन ही बना सके। अमेरिका के खिलाफ तो कोहली ने गोल्डन डक बना दिया, यानी वह पहली ही बॉल पर बगैर खाता खोले आउट हो गए।

टी-20 वर्ल्ड कप में कोहली पहली बार ही जीरो पर आउट हुए। तीनों मैच में कॉमन बात यह रही कि विराट नंबर-3 पोजिशन की बजाय ओपनिंग करने उतरे। इस पोजिशन पर उन्होंने IPL में तो खूब रन बनाए हैं, लेकिन ICC टूर्नामेंट में सफल नहीं हो सके।

कोहली के फेल होने की 3 वजहें
1. ओपनिंग करना: विराट ने वर्ल्ड कप से पहले भारत के लिए 9 मैच में ओपनिंग की। उन्होंने करीब 57 की औसत और 161 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से 400 रन बनाए। इनमें एक सेंचुरी और 2 फिफ्टी भी शामिल रहीं, लेकिन वर्ल्ड कप में ओपनिंग पोजिशन संभालते ही उनसे रन बनना बंद हो गए। नंबर-3 पर वह अक्सर संभलकर जिम्मेदारी से खेलते हैं, लेकिन ओपनिंग में वह स्कोर तेजी से बढ़ाने की ओर ध्यान दे रहे हैं।

2. अटैकिंग स्ट्रैटजी: विराट IPL में ओपनिंग करते हुए 8 शतक लगा चुके हैं। 2024 में तो उन्होंने करियर बेस्ट 155 के स्ट्राइक रेट से 741 रन बनाए। इसी अटैकिंग स्ट्रैटजी को विराट ने वर्ल्ड कप में भी अप्लाय किया, लेकिन फेल रहे। आयरलैंड के खिलाफ आगे निकलकर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में थर्ड मैन पर कैच हुए। वहीं, पाकिस्तान के खिलाफ चौका लगाने की कोशिश में कवर्स पर कैच हो गए। अमेरिका के खिलाफ पहली ही बॉल पर चौका लगाने गए, लेकिन कॉट बिहाइंड हुए। यानी अटैकिंग स्ट्रैटजी वर्ल्ड कप में उनके काम नहीं आ रही।

3. न्यूयॉर्क की पिच: भारत ने अपने सभी मुकाबले न्यूयॉर्क के नसाउ स्टेडियम में खेले। जहां बैटिंग इतनी मुश्किल है कि 16 पारियों में 2 ही टीमें 120 से ज्यादा रन बना सकी। महज 5 बैटर्स ने फिफ्टी लगाई, जिनमें से 4 ने 40 से ज्यादा गेंदें लीं। यानी न्यूयॉर्क में विराट ही नहीं, बाकी बैटर्स भी परेशान हुए। कप्तान रोहित शर्मा तक आयरलैंड के खिलाफ फिफ्टी लगाने के बाद 13 और 3 रन पर आउट हो गए।

क्या नंबर-3 पर आने से लौटेगा कोहली का फॉर्म?
विराट का फॉर्म लौटेगा या नहीं तो ये तो आगे के मैचों से ही पता चलेगा, लेकिन नंबर-3 पर वह कितना ज्यादा मजबूत हैं, हम यह जरूर जान सकते हैं। विराट ने भारत के लिए 120 टी-20 खेले और 108 बार नंबर-3 पर बैटिंग की। इनमें उन्होंने 51 से ज्यादा के औसत और 136 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से 3,637 रन बनाए। इनमें 35 फिफ्टी शामिल हैं। इसके अलावा 12 मैचों में ओपनिंग ही की।

टी-20 वर्ल्ड कप में 2012 से 2022 तक विराट ने करीब 82 की औसत से 1141 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 131 से ज्यादा का रहा और उन्होंने 14 फिफ्टी भी लगाईं। पाकिस्तान के खिलाफ पिछले वर्ल्ड कप में 82 रन की चमत्कारिक पारी भी उन्होंने नंबर-3 पर उतरकर ही खेली थी। यानी विराट अगर ओपनिंग छोड़कर नंबर-3 पर बैटिंग करने उतरें तो पिछले रिकॉर्ड के हिसाब से अच्छा ही परफॉर्म करेंगे।

कोहली नंबर-3 पर उतरे तो ओपनिंग कौन करेगा?
कोहली नंबर-3 पर उतरे तो टीम इंडिया यशस्वी जायसवाल से ओपनिंग करा सकती है। यशस्वी भारत के लिए 17 टी-20 में ओपनिंग कर चुके हैं और उन्होंने करीब 162 की स्ट्राइक रेट से 502 रन भी बनाए हैं। इनमें एक शतक और 5 फिफ्टी शामिल हैं। यानी टीम इंडिया ने यशस्वी के रूप में एक विस्फोटक बैटर को बेंच पर बैठाए रखा है।

यशस्वी ने शुरुआती तीनों मैच नहीं खेले, उन्हें प्लेइंग-11 में शामिल करने के लिए किसी खिलाड़ी को बाहर बैठाना होगा। शुरुआती 3 मैचों का फॉर्म देखें तो शिवम दुबे या रवींद्र जडेजा की जगह यशस्वी जायसवाल को खिला सकते हैं।

दुबे पिछले 3 मैचों में 34 रन ही बना सके, वहीं उनसे एक ही ओवर बॉलिंग कराई गई। दूसरी ओर जडेजा की पाकिस्तान के खिलाफ ही बैटिंग आ सकी, लेकिन वह खाता भी नहीं खोल सके। 3 मैचों में उन्होंने 3 ही ओवर गेंदबाजी की, जिसमें कोई विकेट नहीं मिला। हालांकि, उन्होंने रन महज 17 ही दिए।

प्लेइंग-11 बदले बिना भी क्या नंबर-3 पर आ सकते हैं कोहली?
हां, अगर ऋषभ पंत ओपनिंग करने लग जाएं तो प्लेइंग-11 बदले बिना भी विराट को नंबर-3 पर खिलाया जा सकता है। पंत लेफ्ट हैंड बैटर हैं और पिछले 3 मैचों में 96 रन बना चुके हैं। अगर उन्होंने कप्तान रोहित के साथ पारी शुरू की तो टीम लेफ्ट और राइट हैंड बैटर के साथ उतरेगी।

पंत विस्फोटक माइंडसेट से ही बैटिंग करते हैं, उन्होंने पिछले 3 मैचों में नंबर-3 पर उतरते हुए इसे साबित भी किया। तीनों मैचों में पावरप्ले के दौरान उनकी बैटिंग आई और उन्होंने इसका फायदा भी उठाया। इसलिए पंत से अगर ओपनिंग कराई गई तो उन्हें पावरप्ले में अटैक करने के और ज्यादा चांस मिलेंगे। जो भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

क्या टीम में कुछ और भी बदलाव की जरूरत है?
शिवम दुबे ने अमेरिका के खिलाफ 35 बॉल पर अहम 31 रन बनाए। उन्होंने मुश्किल पिच पर सूर्यकुमार यादव का साथ दिया और 67 रन की पार्टनरशिप कर टीम को जीत दिलाई। हालांकि, वह अब भी अपने पीक फॉर्म में नजर नहीं आ रहे। भारत अगला मैच 15 जून को कनाडा के खिलाफ खेलेगा, इसमें दुबे की जगह संजू सैमसन को मौका दिया जा सकता है।

सैमसन संभलकर बैटिंग करने के साथ जरूरत पड़ने पर बड़े शॉट्स भी लगा लेते हैं। अगर सैमसन सफल रहे तो उन्हें आगे के मैचों में भी चांस दिया जा सकता है। भारत सुपर-8 में अपने तीनों मैच वेस्टइंडीज के 3 अलग मैदानों पर खेलेगा। तीनों वेन्यू की पिचें धीमी हैं, यहां दुबे को रन बनाने में परेशानी हो सकती है। जबकि सैमसन एक प्रॉपर बैटर हैं, वह धीमी पिच पर घरेलू और इंटरनेशनल क्रिकेट में रन बना चुके हैं। इसलिए उन्हें मौका दिया जा सकता है।

रवींद्र जडेजा को कनाडा के खिलाफ आराम देकर टीम कुलदीप यादव या युजवेंद्र चहल को भी मौका दे सकती है। कप्तान रोहित ने जडेजा से ज्यादा बॉलिंग नहीं करवाई, क्योंकि हार्दिक ने तीनों मैच में 4-4 ओवर बॉलिंग कर उनका काम आसान कर दिया। ऐसे में जडेजा को आराम देकर किसी फुल टाइम गेंदबाज या बल्लेबाज को मौका दिया जा सकता है। हालांकि, भारत अपनी विनिंग टीम को बदलने में विश्वास नहीं रखता, इसलिए कनाडा के सामने भी विराट ही ओपनिंग कर सकते हैं और प्लेइंग-11 भी हो सकता है न बदले।

 

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