राजेश खन्ना की हीरोइन, जो परिवार के साथ लापता हुईं सालभर बाद मिला लैला का कंकाल, सौतेले पिता को सजा-ए-मौत

आज अनसुनी दास्तान में कहानी एक्ट्रेस लैला खान की। हत्या और साजिश की ये कहानी सिहरन पैदा करने वाली है। देखने में बेहद खूबसूरत लैला खान, राजेश खन्ना के साथ फिल्म वफा में नजर आई थीं। इस एक फिल्म की बदौलत लैला को कई दूसरी फिल्में भी मिलीं, लेकिन अफसोस वो इन्हें करने के लिए जिंदा नहीं रहीं।

साल 2011 में लैला खान अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने इगतपुरी, महाराष्ट्र गई थीं, लेकिन उसके बाद उनकी कोई खबर नहीं मिली। जिन प्रोड्यूसर्स ने लैला को मोटी रकम देकर फिल्म में साइन किया था, वो लैला की गुमशुदगी से परेशान रहने लगे। शुरुआत में आरोप लगाए गए कि लैला खान प्रोड्यूसर्स के पैसे लेकर फरार हैं, लेकिन जब तफ्तीश शुरू हुई तो कई चौंका देने वाले खुलासे हुए। सिर्फ लैला ही नहीं बल्कि वैकेशन पर गया उनका पूरा परिवार लापता था।

लैला खान की स्याह कहानी का हर पहलू में अपने आप में एक सवाल था। पारिवारिक उथल-पुथल, मां की 3 शादियां और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने जैसी कई थ्योरी के बीच एक साल बाद लैला का कंकाल मिला, वो भी 3 भाई-बहनों, मां और कजन के साथ। पालतू कुत्तों के कंकाल भी उन्हीं के साथ दफन किए गए थे।

लैला की गुमशुदगी की जांच शुरू करवाने के लिए पत्रकार निशात शमसी ने कई महीनों तक जद्दोजहद की। ऐसे में लैला की कहानी को गहराई से जानने के लिए दैनिक भास्कर ने पत्रकार निशात से परत-दर-परत कहानी समझी।

आज 5 चैप्टर्स में पढ़िए लैला खान की फिल्मी चकाचौंध, गुमशुदगी, साजिश और तफ्तीश की कहानी-

लैला खान का असली नाम रेशमा पटेल था। उनका जन्म 1978 में मुंबई में हुआ था। हालांकि, जन्म की असल तारीख क्या है, इस बात का जिक्र कहीं नहीं मिलता। पुलिस ने जांच में लैला को पाकिस्तानी करार दिया था, हालांकि ये बेबुनियाद है।

लैला खान की मां का नाम अथिया पटेल था, हालांकि हर कोई उन्हें सेलिना नाम से बुलाता था। उन्होंने सबसे पहले नादिर पटेल से शादी की थी, जिससे उन्हें 4 बच्चे हुए थे। चार भाई-बहनों में लैला खान की एक बड़ी बहन और दो जुड़वां छोटे भाई-बहन थे। लैला का हमेशा से ही ग्लैमर वर्ल्ड की तरफ झुकाव रहा। यही वजह थी कि वो मॉडलिंग करने लगीं।'

कन्नड़ फिल्म से किया एक्टिंग डेब्यू, पहली फिल्म रही फ्लॉप
लंबे संघर्ष के बाद लैला खान को 2002 की बिग बजट कन्नड़ फिल्म ‘मेकअप’ में काम मिला। 30 नवंबर 2002 को रिलीज हुई फिल्म को क्रिटिक्स की तो सराहना मिली, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई। इस फिल्म से मेकर्स को 75 लाख रुपए का नुकसान हुआ था।

पहली फिल्म फ्लॉप होने का गम और दूसरी तरफ मां सेलिना ने पिता नादिर को तलाक दे दिया। नादिर सीधे-सादे व्यक्ति थे। उन्होंने सेलिना से अलग होने के बाद दूसरी शादी कर ली। वहीं सेलिना ने चारों बच्चों को अपने ही साथ रखा और मीरा रोड में रहने वाले आसिफ से दूसरी शादी कर ली। हालांकि, ये शादी भी ज्यादा सालों तक नहीं चली और सेलिना ने परवेज नाम के शख्स से तीसरी शादी कर ली।

राजेश खन्ना की कमबैक फिल्म में नजर आईं लैला खान
पहली फिल्म फ्लॉप रही तो लैला खान को कई सालों तक कोई काम नहीं मिला। लेकिन कहते हैं न सब्र का फल मीठा होता है। लैला खान को भारत के पहले सुपरस्टार रहे राजेश खन्ना की कमबैक फिल्म ‘वफाः ए डेडली लव स्टोरी’ में उनके अपोजिट कास्ट किया गया। फिल्म में लैला खान को एक बेवफा पत्नी के रूप में दिखाया गया था। फिल्म को राखी सावंत के भाई राकेश सावंत ने डायरेक्ट किया था।

19 दिसंबर 2008 को रिलीज हुई फिल्म वफा बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं कर सकी और सी-ग्रेड फिल्म करने पर राजेश खन्ना की भी जमकर आलोचना हुई।

राखी सावंत के भाई ने लैला को किया था कास्ट
ये फिल्म भी लैला को नाम और शोहरत नहीं दिला सकी। कुछ समय बीता ही था कि लैला खान को वफा फिल्म के डायरेक्टर राकेश सावंत ने अपनी दूसरी फिल्म में साइन कर लिया। फिल्म का नाम था जिन्नात, जिसके लिए राकेश ने लैला को बतौर साइनिंग अमाउंट एक बड़ी रकम दी थी।

इस फिल्म में राखी सावंत भी अहम किरदार में थीं। फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी गई और एक शेड्यूल पूरा हो गया। अगला शूटिंग शेड्यूल शुरू होने में कुछ समय था तो लैला खान ने अपने परिवार के साथ इगतपुरी में एक वैकेशन प्लान कर लिया।

30 जनवरी 2011, लैला खान अपनी मां सेलिना, बड़ी बहन हाशिमा, जुड़वां भाई-बहन इमरान-जारा और एक कजन रेशमा के साथ इगतपुरी के फार्महाउस के लिए निकली थीं। रेशमा, लैला के परिवार के साथ ही रहती थीं। इस वैकेशन में लैला अपने पालतू कुत्तों को भी ले गई थीं। पूरा परिवार मुंबई से 126 किलोमीटर के सफर पर 3 कारों से गया था।

करीब 9 दिन ही बीते थे। 9 फरवरी 2011 को सेलिना के पास उनकी बहन अलबाना पटेल का कॉल आया। जब अलबाना ने पूछा वो कहां हैं, तो सेलिना ने जवाब दिया कि वो अपने तीसरे पति परवेज टाक के साथ चंडीगढ़ में हैं। सेलिना ने झूठ कहा था, क्योंकि वो उस समय इगतपुरी में थीं। ये वो आखिरी दिन था जब किसी शख्स की छुट्टी पर गए परिवार से कोई बात हुई थी।

कुछ दिन बीते और फिल्म जिन्नात के दूसरे शेड्यूल की तारीखें नजदीक आने लगीं। जब फिल्ममेकर्स ने लैला से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनका नंबर बंद मिला। फिल्ममेकर्स, लैला की खबर न मिलने से परेशान रहने लगे, क्योंकि वो उन्हें फीस दे चुके थे। पहले दिन, फिर महीने बीते, लेकिन लैला और उनके परिवार की कोई खबर नहीं मिली।

यहां से निशात शमसी की लैला के परिवार को ढूंढने की असल जद्दोजहद शुरू हुई। इस बारे में वे कहते हैं, 'लैला की मां सेलिना ने पहले ही उनके बायोलॉजिकल पिता नादिर पटेल को तलाक दे दिया था। उन्होंने आसिफ शेख नाम के शख्स से दूसरी शादी कर ली थी। मैंने बहुत मशक्कत के बाद आसिफ शेख का पता लगाया। आसिफ ने मुझे लैला के बायोलॉजिकल पिता नादिर का नंबर दिया। जब मैंने उन्हें कॉल किया तो पता चला कि वो अफ्रीका के इथोपिया में नौकरी करते हैं'।

आर्थिक तंगी के चलते शुरुआत में नादिर ने भारत आने से साफ इनकार कर दिया था। ऐसे में जर्नलिस्ट निशात शमसी ने उन्हें 11 हजार रुपए देकर उनके भारत आने का इंतजाम किया।

आगे निशात शमसी बताते हैं, 'ये सब करते-करते 4 महीने बीत चुके थे। नादिर के साथ जाकर मैंने लैला और उनके परिवार की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसी दौरान अपनी तहकीकात से मुझे पता चला कि लैला की मां सेलिना ने दूसरे पति आसिफ शेख को भी तलाक दे दिया था और किसी तीसरे शख्स से शादी कर ली थी। हालांकि, वो शख्स कौन है, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं थी'।

पुलिस ने नहीं की मामले की जांच, कहा-पाकिस्तानी एक्ट्रेस है
पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बावजूद मुंबई पुलिस ने मामले की जांच शुरू नहीं की। निशात शमसी ने इस बारे में बताया, 'मुंबई पुलिस ने ये कहते हुए मामले को टाल दिया कि एक्ट्रेस लैला खान पाकिस्तानी हैं। उस समय पाकिस्तानी एक्ट्रेस वीणा मलिक भी बिग बॉस में आई थीं और मिस्टीरियस तरीके से करीब 3-4 दिन के लिए लापता हो गई थीं। पुलिस वालों ने मीडिया को भी यही कहानी बताई कि लैला खान पाकिस्तानी हैं। काफी समय तक इंटरनेट पर भी उनकी बर्थ प्लेस की जगह पाकिस्तान लिखा गया था। इस बात पर लैला के पिता नादिर ने काफी हंगामा मचाया था। उनका कहना था कि पुलिस उन्हें पाकिस्तानी कैसे बता सकती है। उनके पिता नादिर भरूच के थे, जबकि उनकी मां सेलिना लखनऊ की थीं। उनका पाकिस्तान से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं था, लेकिन पुलिस ने यही कहते हुए मामले में बहुत लापरवाही कर दी। पहले तो शिकायत दर्ज करने में समय लगाया और फिर जांच नहीं की'।

पिता ने की मामला NIA को सौंपने की अपील
मामले में पुलिस की लापरवाही देखते हुए 17 जुलाई 2012 को लैला खान के पिता नादिर ने बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटिशन दायर कर मामला NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) को सौंपने की अपील की थी।

कश्मीर में हुए आतंकी हमले से सामने आई मामले की सच्चाई
लैला खान की गुमशुदगी के एक साल बाद जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में एक आतंकी हमला हुआ था। जांच में आतंकी हमले की लोकेशन के पास लैला खान की कार मिली थी। उस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली। मीडिया में खबर फैली कि लैला खान और उनकी मां सेलिना लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम करती थीं।

आतंकी हमले के मामले में 21 जून 2012 को परवेज इकबाल टाक की गिरफ्तारी हुई। वही परवेज टाक, जिनसे लैला खान की मां सेलिना ने तीसरी शादी की थी। परवेज की गिरफ्तारी लैला खान की गुमशुदगी के मामले में अहम कड़ी साबित हुई।

परवेज टाक वो इकलौता शख्स था जिसे आखिरी बार लैला के परिवार के साथ इगतपुरी में देखा गया था। ऐसे में शक सीधा उस पर था। परवेज टाक ने मुंबई पुलिस को दिए बयान में हैरान कर देने वाला खुलासा किया। उसने कहा कि लैला और उसके परिवार की फरवरी 2011 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गुमशुदगी का मामला अब हत्या के मामले में तब्दील हो गया।

इस बयान के अगले ही दिन परवेज टाक मुकर गया। उसने कहा कि लैला खान और उनका परिवार जिंदा है। इस पर मामले की किडनैपिंग के एंगल से जांच करने के लिए पुलिस परवेज टाक को लेकर मुंबई आई।

परवेज टाक को 10 जुलाई 2012 को सदर्न मुंबई स्थित कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 19 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। क्राइम ब्रांच की सख्ती पर परवेज टाक ने तीसरी बार अपना बयान बदल लिया, लेकिन इस बार उसने जो बताया वो हैरान कर देने वाला था।

लैला खान के सौतेले पिता परवेज टाक ने इकबाल-ए-जुर्म कर बताया कि वो लैला की मां सेलिना की हत्या करना चाहता था। सेलिना उसके साथ नौकरों जैसा सलूक करती थीं और उनके दूसरे मर्दों से संबंध थे। अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए परवेज ने अपने दोस्त साजिद के साथ हत्या की साजिश रची। वो दुबई जाने वाला था। ऐसे में मौका देखकर उसने लैला की मां से कहा कि वो दुबई जाने से पहले परिवार के साथ वैकेशन पर इगतपुरी जाना चाहता है।

लैला और उनके परिवार के इगतपुरी पहुंचने से पहले ही परवेज टाक अपने दोस्त को बुला चुका था। एक दिन मौका पाते ही उसने दोस्त साजिद को फार्महाउस पर बुला लिया। एक बहस के बाद साजिद ने सेलिना के हाथ पकड़े और परवेज टाक ने रॉड से उन पर हमला कर दिया। जिस वक्त सेलिना की हत्या की जा रही थी, ठीक उसी वक्त लैला खान वहां पहुंच गईं। साजिद और परवेज ने लैला की भी हत्या कर दी। फंसने के डर से परवेज और साजिद ने लैला और सेलिना के बाद फार्महाउस पर मौजूद हर शख्स की हत्या कर दी। जो पालतू कुत्ते वो लोग साथ ले गए थे, उनको भी खत्म कर दिया गया।

लाशों की तलाश और चौंकाने वाले खुलासे
परवेज टाक लगातार अपने बयान बदल रहा था। ऐसे में मुंबई पुलिस उसे इगतपुरी के फार्महाउस ले गई। फार्महाउस की दीवारों को देखकर पुलिस को लगा कि दीवारों को जलाने की कोशिश की गई है। फिर परवेज की निशानदेही पर पुलिस ने फार्महाउस के पीछे वाले हिस्से में खुदाई शुरू की। खुदाई में पुलिस को लैला खान समेत परिवार के 6 लोगों के कंकाल मिले।

लश्कर-ए-तैयबा के जरिए की थी मामले से बचने की कोशिश
परवेज ने पुलिस को बताया कि उसने हत्या के बाद सभी के शव दफना दिए थे। पुलिस को चकमा देने के लिए उसने तीनों कार को ठिकाने लगाने के लिए अपने दोस्तों जॉली गिल्डर और महबूब की मदद ली। पहली कार को इंदौर भेजा गया और दूसरी कार को दिल्ली। वहीं तीसरी कार को किश्तवाड़ ले जाया गया, जिसके जरिए किश्तवाड़ में आतंकी हमला किया गया था।

हत्या करने के बाद परवेज टाक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की मदद से नेपाल भागने की तैयारी में था। हालांकि, इससे पहले ही वहां किश्तवाड़ में आतंकी हमला हुआ, जिसमें परवेज की गिरफ्तारी हो गई।

जल्द ही बनेगी लैला खान और जर्नलिस्ट पर फिल्म
जर्नलिस्ट निशात शमसी ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि 'टॉयलेटःएक प्रेम कथा' फिल्म डायरेक्ट करने वाले श्रीनारायण सिंह जल्द ही लैला खान हत्याकांड और इसमें जर्नलिस्ट निशात शमसी के योगदान पर एक फिल्म बनाने वाले हैं। फिल्म की स्क्रिप्ट पूरी हो चुकी है।

अगले शनिवार, 22 जून को पढ़िए कहानी कल्ट क्लासिक फिल्म ए क्लॉकवर्क ऑरेंज की। फिल्म रिलीज के बाद ही कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें इस फिल्म को प्रेरणा मानते हुए हत्या की गई थी। लगातार आते हत्या के मामलों को देखते हुए फिल्म को कई देशों में बैन कर दिया था। हालांकि 44वीं ऑस्कर सेरेमनी में फिल्म को बेस्ट पिक्चर कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला था।

साल 1988 की कल्ट क्लासिक फिल्म 'वीराना' का जिक्र हर किसी ने कहीं न कहीं जरूर सुना होगा। ये हॉरर फिल्म लीड एक्ट्रेस जैस्मिन धुन्ना की खूबसूरती और बोल्डनेस के चलते सुर्खियों में रही थी। किसी गुड़िया की तरह खूबसूरत गहरी आंखों वालीं जैस्मिन ने फिल्म में भूत बनकर लोगों का ध्यान खींचा था, लेकिन यही खूबसूरती उनकी गुमनामी और कई सवालों का कारण बनी।

कहा जाता है कि उनकी खूबसूरती से मोहित होकर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम उन्हें हासिल करना चाहता था। जैस्मिन को लगातार अंडरवर्ल्ड से धमकी भरे कॉल आते थे और इसी बीच वो अचानक गुमशुदा हो गईं। 35 साल से उन्हें किसी ने देखा तक नहीं। वो कहां हैं और किस हाल में हैं...

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