शीना बोरा हत्याकांड में एक नया मोड़ आया है। 2012 में रायगढ़ के पेन गांव के जंगल से जब्त की गई जिन हड्डियों को CBI ने शीना बोरा के अवशेष बताया था, वो अब लापता हैं। हड्डियों को जांच के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल भेजा गया था। मुंबई की स्पेशल कोर्ट में गुरुवार को CBI ने बताया कि बहुत ढूंढने के बावजूद भी ये हड्डियां नहीं मिल रही हैं।
दरअसल, INX मीडिया की पूर्व CEO इंद्राणी मुखर्जी की बेटी शीना बोरा की 2012 में गला घोंटकर हत्या की गई थी। आरोप है कि इंद्राणी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय के साथ मिलकर शीना की हत्या की थी। इसके बाद उन्होंने शव को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पेन गांव के जंगल ले जाकर जला दिया था।
पुलिस ने पेन गांव से 2012 में कुछ हड्डियां जब्त की थीं। जांच में पता चला था कि हड्डियां किसी जानवर की नहीं, बल्की इंसानी हैं। 3 साल तक हत्याकांड के बारे में किसी को पता नहीं चला था। 2015 में एक अन्य केस में पुलिस ने इंद्राणी के ड्राइवर राय को गिरफ्तार किया था। इस दौरान उसने शीना बोरा की हत्या का खुलासा किया।
केस की जांच कर रही CBI ने 2015 में फिर से जंगल से कुछ अवशेष इकट्ठा किए। CBI ने इन अवशेषों को जांच के लिए AIIMS दिल्ली भेजा। CBI इन अवशेष को 2012 में मिली हड्डियों के साथ मिलान करना चाहती थी। 2012 जब्त की गई हड्डियों के गुम होने की बात गुरुवार को जेजे अस्पताल की फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. जेबा खान की गवाही के दौरान सामने आई।
फोरेंसिंक एक्सपर्ट की गवाही के आधार पर ही केस में आगे बढ़ेगी CBI
डॉ. जेबा ने ही 2012 में हड्डियों की जांच कर पुष्टि की थी कि हड्डियां इंसानी हैं। CBI चाहती थी कि 2012 में जब्त की गई हड्डियों को जेबा की गवाही के साथ कोर्ट में पेश किया जाए, लेकिन हड्डियां नहीं मिलने अब CBI हड्डियों को सबूत के तौर पर पेश नहीं करेगी। CBI सिर्फ डॉ. जेबा की गवाही के आधार पर ही केस में आगे बढ़ेगी। माना जा रहा है कि इससे CBI का पक्ष कमजोर होगा।
शीना बोरा हत्याकांड?
इन 6 तारीखों में खुला था शीना की हत्या का राज
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