सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित उपभोक्ताओं के लिए 30 जून तक ई -केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया है। झुंझुनूं में ई-केवाईसी उन उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बन रही है जिनके सदस्य कामकाज से दूसरी जगह गए हुए हैं। काफी संख्या में यहां के लोग मुंबई, दिल्ली, गुजरात, कोलकाता, चेन्नई आदि शहरों में काम कर रहे हैं।
जिला रसद अधिकारी कपिल झाझड़िया ने बताया- खाद्य सुरक्षा योजाना में राशन सामग्री प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य है। जिले में 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी हो चुकी है। कुछ उपभोक्ताओं को परेशानी आ रही है। आगे अवगत कराया जाएगा।
जानकारी के अनुसार बहुत से उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है। बच्चों के आधार कार्ड नम्बर, आंखें तथा बुजुर्गों के फिंगर प्रिंट पोस मशीन में मिस मैच होने से कई परिवारों के सामने संकट खड़ा हो गया है। बहुत से उपभोक्ताओं के फिंगर और आई स्कैन दोनों ही नहीं आ रहे हैं।
जिन लोगों के फिंगर प्रिंट या आई स्कैन नहीं हो पा रहे हैं उनके लिए अलग से कोई गाइडलाइन नहीं है। बच्चों के आधार कार्ड राशन कार्ड से लिंक नहीं हैं। उनकी भी ई-केवाईसी नहीं हो रही है। ओटीपी सिस्टम भी नहीं है। जबकि पहले ई-केवाईसी आधार कार्ड नम्बर की ओटीपी से होती थी। दूसरे शहरों में बैठे व्यक्ति अपने गांव में ओटीपी से ई-केवाइसी करवा लेते थे। ऐसे में उपभोक्ताओं को राशन बंद होने का डर सता रहा है।
13 लाख से ज्यादा लोगों को मिल रहा गेहूं
झुंझुनूं जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 13 लाख 23 हजार 157 लोगों को गेहूं मिल रहा है। कुल 3 लाख 16 हजार 828 राशन कार्ड हैं। जिसमें से ग्रामीण क्षेत्र में 2 लाख 60 हजार 380 और शहरी क्षेत्र में 56 हजार 448 कार्ड हैं।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.