पुलिस की विशेष टीम ने 12 साल से फरार एक तस्कर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी 12 साल से फरारी काट रहा था। वो कभी-कभी ही अपने गांव आता था। आरोपी मध्य प्रदेश के नीमच जिले के कुकड़ेश्वर गांव का रहने वाला है और वो अपने ही गांव में पकड़ा गया। पुलिस से बचने के लिए आरोपी मोबाइल या अन्य किसी डिवाइस का यूज नहीं करता। सादे कपड़ों में 10 दिन की रेकी करने के बाद आरोपी पुलिस के हाथ लगा।नीमच जिले के कुकड़ेश्वर गांव का रहने वाला है और वो अपने ही गांव में पकड़ा गया। पुलिस से बचने के लिए आरोपी मोबाइल या अन्य किसी डिवाइस का यूज नहीं करता। सादे कपड़ों में 10 दिन की रेकी करने के बाद आरोपी पुलिस के हाथ लगा।
12 साल पहले पकड़ा गया था साथी आरोपी
एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि साल 2012 में चित्तौड़गढ़ कोतवाली थाना क्षेत्र के रोडवेज बस स्टैंड पर 9 किलो अफीम के साथ नीमच जिले के मनासा निवासी बबलू पुत्र बंशीलाल राठौर पकड़ा गया था। इस मामले की जांच करने पर पूछताछ के दौरान बबलू ने नीमच जिले के कुकड़ेश्वर निवासी रंगलाल पुत्र नाथू गुर्जर से यह अफीम लाना बताया। पुलिस ने इसके बाद रंग लाल की काफी तलाश की। लेकिन रंग लाल 12 सालों से पुलिस के हाथ नहीं लगा।नीमच जिले के मनासा निवासी बबलू पुत्र बंशीलाल राठौर पकड़ा गया था। इस मामले की जांच करने पर पूछताछ के दौरान बबलू ने नीमच जिले के कुकड़ेश्वर निवासी रंगलाल पुत्र नाथू गुर्जर से यह अफीम लाना बताया। पुलिस ने इसके बाद रंग लाल की काफी तलाश की। लेकिन रंग लाल 12 सालों से पुलिस के हाथ नहीं लगा।
बचने के लिए नहीं यूज किया मोबाइल
जानकारी में आया कि इन 12 सालों में रंगलाल अपने गांव से दूर रतलाम, मंदसौर, जावद आदि जगहों पर अपनी फरारी काट रहा था। वह बीच-बीच में अपने गांव भी आता था, लेकिन किसी तरह का फोन या अन्य डिवाइस यूज नहीं करता। इस कारण उसकी लोकेशन कभी भी ट्रैक नहीं हुई। बताया जा रहा है कि जो 9 किलो अफीम उसने बबलू को सप्लाई की थी वह उसके खुद के खेत की थी। हालांकि इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। रंग लाल के खुद के नाम से अफीम का पट्टा भी था।रंगलाल अपने गांव से दूर रतलाम, मंदसौर, जावद आदि जगहों पर अपनी फरारी काट रहा था। वह बीच-बीच में अपने गांव भी आता था, लेकिन किसी तरह का फोन या अन्य डिवाइस यूज नहीं करता। इस कारण उसकी लोकेशन कभी भी ट्रैक नहीं हुई। बताया जा रहा है कि जो 9 किलो अफीम उसने बबलू को सप्लाई की थी वह उसके खुद के खेत की थी। हालांकि इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। रंग लाल के खुद के नाम से अफीम का पट्टा भी था।
10 दिनों तक पुलिस ने की रेकी रेकी
रंगलाल को पकड़ने के लिए निंबाहेड़ा डिप्टी बद्रीलाल राव के निर्देश पर और थाना अधिकारी कोतवाली निंबाहेड़ा राम सुमेर, थाना अधिकारी सदन निंबाहेड़ा संजय शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में एएसआई सूरज कुमार, लेखराज, कांस्टेबल देवेंद्र, वीरेंद्र, राकेश, सुरेंद्र पाल, रतन, मुकेश शामिल थे। टीम लगातार 10 दिनों से उसके क्षेत्र के आसपास सादे कपड़ों में घूमती रही और रेकी करती रही। इस दौरान पुलिस ने कई मुखबिर एकत्रित किए, जिनकी मदद से रंगलाल को ट्रैक किया गया। रंगलाल जब अपने गांव पहुंचा तो उसे तुरंत डिटेन कर चित्तौड़गढ़ लाया गया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई में कुकड़ेश्वर थाना पुलिस के कांस्टेबल भूरसिंह का भी योगदान रहा।रंगलाल को पकड़ने के लिए निंबाहेड़ा डिप्टी बद्रीलाल राव के निर्देश पर और थाना अधिकारी कोतवाली निंबाहेड़ा राम सुमेर, थाना अधिकारी सदन निंबाहेड़ा संजय शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में एएसआई सूरज कुमार, लेखराज, कांस्टेबल देवेंद्र, वीरेंद्र, राकेश, सुरेंद्र पाल, रतन, मुकेश शामिल थे। टीम लगातार 10 दिनों से उसके क्षेत्र के आसपास सादे कपड़ों में घूमती रही और रेकी करती रही। इस दौरान पुलिस ने कई मुखबिर एकत्रित किए, जिनकी मदद से रंगलाल को ट्रैक किया गया। रंगलाल जब अपने गांव पहुंचा तो उसे तुरंत डिटेन कर चित्तौड़गढ़ लाया गया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई में कुकड़ेश्वर थाना पुलिस के कांस्टेबल भूरसिंह का भी योगदान रहा।
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