जयपुर के एयरपोर्ट थाना पुलिस ने पड़ीबाजी और ढोलबाजी गैंग के दो एक्टिव बदमाशों को उनके ठिकानों से गिरफ्तार किया है। दोनों बदमाश शातिर चोर हैं। आरोपी जयपुर सिटी के आसपास के इलाकों में 60 से अधिक वारदात कर चुके हैं।
जवाहर सर्किल थाने के एएसआई लटूर प्रसाद ने बताया- गिरफ्तार सुनील धानका (45) जयपुर ग्रामीण और बिहारी लाल (50) पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। दोनों बदमाशों के खिलाफ 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। बदमाश 1996 से लगातार चोरी की वारदात कर रहे हैं। बदमाशों ने रविवार को गुजरात जाकर बड़ी वारदात करने का प्लान बनाया था। इससे पहले ही पुलिस ने इनके ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया।
31 मई को जयपुर के एयरपोर्ट थाना इलाके के विष्णु विहार में मकान नम्बर बी-5 में आरोपियों ने चोरी की वारदात की। दोनों ऑल्टो कार से आए थे। यहां 5 लाख रुपए के जेवरात और नगदी लेकर फरार हुए थे। 2 जून को एयरपोर्ट थाने में पीड़ित की ओर से दी गई शिकायत पर एफआईआर हुई थी।
320 सीसीटीवी खंगाले, 50 किलोमीटर पीछा किया
पुलिस ने एयरपोर्ट थाना इलाके से करीब 320 फुटेज खंगाले और 50 किलोमीटर पीछा करते हुए मदरामपुरा पहुंची। बदमाश जगतपुरा, सांगानेर सदर, बम्बाला पुलिया, सांगानेर, शिप्रापथ इलाका, मुहाना मंडी होते हुए मदरामपुरा पहुंचे थे। दोनों बदमाशों को इस बात की भनक तक नहीं थी कि पुलिस उनका पीछा कर रही है। दोनों की लोकेशन मुहाना के पास मदरामपुरा कच्ची बस्सी के पास एक प्लाट पर मिली। बदमाश खाने-पीने का सामान लेने एक दुकान पर आए तो पुलिस दोनों को घेर लिया।
दोनों बदमाश दीवार कूद कर भागने लगे। लेकिन दीवार कूदने से एक बदमाश के पैरों में चोट लग गई। पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। पूछताछ में बदमाशों की निशानदेही पर 4.50 लाख का गोल्ड-जेवरात बरामद हुए हैं। बदमाशों ने कैश खर्च करने की बात कही। दोनों नशा करते हैं। परिवार साथ नहीं हैं। मदरामपुरा में एक खाली प्लॉट में आरोपी झोंपड़ी बनाकर रह रहे थे। इनके पास से चोरी की बाइक और मारुति कार भी मिली है।
आरोपी सुनील की पत्नी और बेटे की मौत हो चुकी है। बिहारी लाल के आपराधिक कारनामों को देखकर उसकी पत्नी और बेटा घर छोड़कर चले गए।
जेल में दोस्ती हुई, 40 साल से साथ की वारदातें
जवाहर सर्किल थाने के एएसआई लटूर प्रसाद ने बताया- सुनील और बिहाली लाल 1996 में जयपुर में चोरी के मामले में जेल गए थे। जेल में दोनों में दोस्ती हुई। इसके बाद जोड़ी बनाकर चोरी की वारदातें करना शुरू किया।
ये लोग चलती ट्रेन में चोरी करते थे। इसके अलावा पुलिया या फुटपाथ पर सो रहे लोगों से लूटपाट करते थे। इसके बाद सूने घरों को निशाना बनाने लगे। आरोपियों के पास से धारदार फनर पेचकस, नकब समेत अन्य उपकरण मिले। अब तक 40 मामलों में ये दोनों 40 बार जेल जा चुके हैं। पुलिया के नीचे सोने वाले लोगों के मोबाइल और पैसे चोरी करने को पड़ीबाजी कहते हैं। वहीं चलती ट्रेन में लोगों के सामान चोरी करने को ढोलबाजी कहते हैं।
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